यूपी के टॉप माफिया कोर्ट में धड़ाधड़ सरेंडर कर रहे हैं। इससे पुलिस भी चौंक रही है। पिछले एक सप्ताह में यूपी के दो बड़े माफियाओं ने पुलिस को चकमा देकर कोर्ट में सरेंडर किया है। यह सीएम योगी के माफियाओं को मिट्टी में मिला देने वाले बयान का खौफ है या पुलिस के एनकाउंटर की दहशत। बहरहाल जो भी है इन माफियाओं को सबसे सुरक्षित जगह जेल ही लग रही है। इसीलिए यूपी की टॉप सूची में शामिल अपराधियों ने आत्मसमर्पण करना शुरू कर दिया है।
इन माफियाओं ने पुलिस को चकमा देकर किया सरेंडर
सीएम योगी की चेतावनी और अतीक-अशरफ हत्याकांड के बाद यूपी के टॉप माफियाओं में दहशत बढ़ी है। इसी के चलते अभी कुछ दिन पहले माफिया अजीत शाही गोरखपुर के सिविल कोर्ट में वकील की ड्रेस पहने हुए खुलेआम सरेंडर कर दिया फिर माफिया सुधीर सिंह ने कोर्ट में सरेंडर किया।
इसके बाद दो दिन पहले यानी शनिवार को माफिया राकेश यादव ने भी पुलिस को चकमा देते हुए कोर्ट पहुंचकर खुद को सरेंडर कर दिया। राकेश यादव पर 50 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। तीन बड़े माफियाओं के सरेंडर करने से पुलिस भी हैरान है। पहले बताते हैं हाल ही में सरेंडर करने वाले माफिया राकेश यादव के बारे में
टॉप 10 सूची में शामिल माफिया पर 50 से ज्यादा मुकदमे दर्ज
यूपी में गोरखपुर के टॉप 10 माफिया की सूची में शामिल राकेश यादव मारपीट, बलवा और हत्या के प्रयास के एक मामले में जमानत पर चल रहा था, इसी बीच एक व्यक्ति ने राकेश पर रंगदारी और जमीन कब्जा करने का मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद से ही पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी थी।
रेलवे कोऑपरेटिव बैंक पहुंचकर वहां के कर्मचारियों को अजीत शाही ने जान से मारने की धमकी 12 मई को दी। इसके बाद शाहपुर थाने में मुकदमा दर्ज कर पुलिस माफिया की तलाश में छापेमारी कर रही थी तभी 18 मई को काली कोटकर पहनकर पुलिस को चकमा देते हुए अजीत शाही ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। अजीत शाही पर अलग-अलग मामलों में कुल 33 मुकदमे दर्ज हैं।
अप्रैल महीने में कोर्ट ने एक मुकदमे में सुधीर सिंह का वारंट जारी किया था। जिसके बाद पुलिस गोरखपुर और लखनऊ में सुधीर को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही थी। इसी बीच चकमा देकर एक पुराने मामले में सुधीर सिंह ने महाराजगंज कोर्ट में सरेंडर कर दिया। बताया जा रहा है कि माफिया कई लग्जरी गाड़ियों और भीड़ के साथ सरेंडर करने पहुंचा था। इसके बाद भी पुलिस को भनक नहीं लगी। सुधीर सिंह पर अलग-अलग मामलों में कुल 36 मुकदमे दर्ज हैं।
फरार चल रहे 50 हजार के इनामी माफिया विनोद उपाध्याय तक पुलिस अभी नहीं पहुंच पाई है। ऐसे में गोरखपुर पुलिस की सक्रियता पर अब सवाल उठने लगे हैं। माफिया विनोद उपाध्याय को 2 NBW और 3 अलग-अलग मुकदमों में पुलिस तलाश रही है। गुलरिहा थाने में 23 मई को विनोद उसके भाई संजय और तीन अन्य लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद विनोद और उसके भाई संजय पर 25-25 हजार का इनाम रखा गया। शनिवार को उस पर इनाम की राशि बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दी गई।
लगातार विनोद उपाध्याय पर मुकदमे तो दर्ज हो रहे हैं। विनोद उपाध्याय पर इनाम बढ़ाकर भी अब 50 हजार रुपए कर दिया गया है। ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि पुलिस विनोद को पकड़ पाएगी या फिर सारे माफिया की तरह ये भी सरेंडर करेगा? विनोद उपाध्याय पर अलग-अलग मामलों में कुल 25 मुकदमे दर्ज हैं।
अजीत शाही, सुधीर सिंह, विनोद उपाध्याय, राजन तिवारी और राकेश यादव गोरखपुर के टॉप-5 माफिया पर कार्रवाई चल रही है।