Thursday, September 25

PM मोदी विश्व के लोकप्रिय नेता, पर विपक्षी दल उनकी हर योजना का करते हैं विरोध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन का कांग्रेस, TMC, DMK और AAP सहित 21 विपक्षी दलों ने बुधवार को एक संयुक्त बयान जारी बहिष्कार करने ऐलान किया है। विपक्षी पार्टियों ने कहाकि नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम मोदी को नहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार करना भारतीय लोकतंत्र पर सीधा हमला है। वर्ष 2014 में भाजपा ने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार बनाई। इन बीते 9 साल में मोदी सरकार ने कई कार्य या फैसले किए, जिनका विपक्षी दलों ने जमकर विरोध किया। ऐसे एक नहीं कई उदाहरण हैं। विपक्ष के आरोपों पर एनडीए ने भी पलटवार किया है। एनडीए ने एक संयुक्त बयान जारी कर बताया है कि विपक्ष ने कब-कब मोदी सरकार के कार्यक्रमों का विरोध किया है। उसकी एक बानगी देखें यहां…

पीएम मोदी की योजनाओं का विपक्ष ने किया विरोध….

 जनधन खाता खोलने की योजना का विरोध।
 भूमि अधिग्रहण संशोधन कानून, मार्च 2015 का विरोध।
 2016 में नोट बंदी का विरोध।
 मुफ्त गैस सिलेंडर दिए जाने वाली उज्जवला योजना का विरोध।
 पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का विरोध।
 हर घर बिजली पहुंचाने वाली उजाला योजना का विरोध।
 केंद्र सरकार की अंत्योदय योजना का विरोध।
 राफेल विमान खरीद का विरोध।
 भारत की नागरिकता देने वाली योजना CAA का विरोध।
 घुसपैठिए को वापस भेजने की योजना NRC का विरोध।
 मोदी सरकार के NPR का विरोध।
 भारत में बने कोरोनावायरस वैक्सीन का विरोध।
 कृषि कानून का भी जोरदार तरीके से विरोध।
 ट्रिपल तलाक कानून का भी विरोध।
 अयोध्या में बनाए जा रहे भव्य राम मंदिर का विरोध।
 कई राज्यों में पत्थरबाजों को पकड़ने का विरोध।
 जम्मू कश्मीर से 370 हटाने का विरोध।
 जम्मू कश्मीर से धारा 35 A हटाने का विरोध।
 सेना में युवाओं के भर्ती की नई योजना का विरोध।
 नए संसद भवन, दिसंबर 2020 के शिलान्यास समारोह का विरोध।
 अब नए संसद भवन के उद्घाटन का विरोध।
 जीएसटी के विशेष सत्र का बहिष्कार।
 पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न देने का विरोध।
 राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की उम्मीदवारी का घोर विरोध।
 अब 2000 के नोट बंद का विरोध।

नए संसद भवन के उद्घाटन पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका
सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर यह निर्देश देने की मांग की गई है कि नई संसद भवन का उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए।

विरोध में आवाज बुलंद करने वाले दल
अब सबसे नया मामला है। नए संसद भवन का उद्घाटन का। यह कार्यक्रम 28 मई को होगा। नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर राजनीतिक दल दो धड़ों में बंट गए हैं। करीब 21 विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं। कुछ विपक्षी दलों ने भाजपा को अपना समर्थन दिया है। जिन दलों ने इस मुद्दे पर बहिष्कार किया है, उनमें कांग्रेस, टीएमसी, आम आदमी पार्टी, सपा, आरजेडी, डीएमके, जदयू, शिवसेना (यूबीटी), माकपा, भाकपा, एनसीपी, आईयूएमएल, झामुमो, केरल कांग्रेस (मणि), केएसपी, वीसीके, एमडीएमके, राष्ट्रीय लोकदल, आरएसपी और एआईयूडीएफ शामिल हैं।

अनावश्यक विरोध कर रहे हैं विपक्षी दल – गोवा CM प्रमोद सावंत
गोवा CM प्रमोद सावंत ने कहाकि नए संसद भवन का उद्घाटन किया जा रहा है। विपक्षी दल इस कार्यक्रम का अनावश्यक विरोध कर रहे हैं, लोकशाही के इस मंदिर का सभी को समर्थन करना चाहिए। राजनीति न करते हुए हर पार्टी को इस कार्यक्रम में हिस्सा लेना चाहिए। यही मेरा अनुरोध है।

उन्हें संसद का बिल्कुल भी सम्मान नहीं – केंद्रीय मंत्री आर के सिंह
विपक्षी दलों द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने पर केंद्रीय मंत्री आर के सिंह ने बिफरते हुए कहाकि इन लोगों को संसद की कदर नहीं है। वे लगातार संसद को बाधित कर रहे हैं। वे संसद में बोलने के सदस्यों के अधिकारों को बाधित कर रहे हैं। उन्हें संसद का बिल्कुल भी सम्मान नहीं है। उद्घाटन का दिन देश के लिए महत्वपूर्ण है और वो (विपक्ष) इसमें राजनीति कर रहे हैं।

इस पीढ़ी के लिए सबसे स्मरणीय दिन होगा – धर्मेंद्र प्रधान
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहाकि, 21वीं सदी में अमृत काल में नए संसद भवन का लोकार्पण PM मोदी के हाथों से होने वाला है। वो इस पीढ़ी के लिए सबसे स्मरणीय दिन होने वाला है। आज दुनिया में सबसे ताकतवर देश बनकर भारत उभर रहा है। यह सबके लिए गौरव का क्षण होगा.. हम अपील कर रहे हैं कि वो (विपक्ष) नकारात्मक मानसिकता छोड़कर प्रजातंत्र के इस महायज्ञ में शामिल हो।