23 जनवरी तक होगी कथा
छतरपुर. नागपुर की एक संस्था द्वारा प्रकरण दर्ज कराने के बाद मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के निवासी बागेश्वर धाम प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री सुर्खियों में आ गए हैं, देशभर में उनकी चर्चा चल पड़ी है, उन्होंने एक दिन पहले ही नागपुर वालों को खुली चुनौती देते हुए कहा है कि वहां तुम्हें आने का टाइम नहीं मिला तो अब रायपुर में आ जाओ हम तुम्हारी यहीं ठठरी बांध देंगे, चेतावनी देते ही बागेश्वर धाम प्रमुख का दो दिवसीय दरबार रायपुर में लग रहा है।
20 और 21 जनवरी को लगेगा दरबार
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा छत्तीसगढ़ के रायपुर में चल रही है, 17 जनवरी से प्रारंभ हुई कथा 23 जनवरी तक चलेगी, जो प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से शुरू होती है, इस कथा में देशभर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 20 और 21 जनवरी को दिव्य दरबार लगा रहे हैं, जो दोनों दिन सुबह 9 बजे से शुरू हो जाएगा। उनका कहना है कि इस दरबार में जिसको आना है आए। सभी के लिए दरबार खुला है। ये दरबार दही हांडी मैदान गुढियारी रायपुर में लग रहा है। उन्होंने नागपुर की संस्था के श्याम मानव को भी आने के लिए चेतावनी दे रखी है।
कोर्ट में जाएगी अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति
नागपुर महाराष्ट्र की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति द्वारा बागेश्वर धाम प्रमुख के खिलाफ अंधविश्वास बढ़ाने के मामले में प्रकरण दर्ज कराया है, समिति के श्याम मानव का कहना है कि हमारा संविधान राम कथा या धर्म का प्रचार करने की अनुमति देता है । लेकिन धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने नागपुर में 7 और 8 जनवरी को आयोजित दिव्य दरबार में चमत्कारी दावे कर कानून का उल्लंघन किया है। उनका कहना है कि समिति के पास इस दावे का उनके पास वीडियो भी है। समिति का यह भी कहना है कि वे कथा को छोडक़र दो दिन पहले ही भाग गए। अगर वे चमत्कार जानते हैं तो हम जो कहें कर के दिखाएं, हम 30 लाख रुपए देंगे, इस पर करारा जवाब देते हुए बागेश्वर धाम प्रमुख ने कहा कि वे रायपुर आ जाएं, हम यहीं उनकी ठठरी बांध देंगे, उन्होंने ये भी कहा कि हमारा दरबार सभी जगह लगता है, जहां चाहे आ जाएं। अब बागेश्वर धाम दरबार का दो दिवसीय दरबार रायपुर में लग रहा है। संस्था का कहना है कि इस मामले पर कार्रवाई नहीं होती है, तो हम कोर्ट की शरण लेंगे।
जानिये क्या है ठठरी का मतलब
आपको बतादें कि ठठरी का मतलब अर्थी से होता है, बार देंगे यानी बाल देंगे या जला देंगे हैं, सीधे शब्दों में ठठरी बार देंगे का अर्थ अर्थी को जला देना है।
रावण के खानदान के यहां आओ, फ्री में बता देंगे जो पूछो
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने नागपुर की संस्था को चेतावनी देते हुए कहा नागपुर महाराष्ट्र में कथा हुई, तो हमने पहले ही कह दिया था देखों भाई 7 दिन ही कथा हो पाएगी , 9 दिन का टाइम नहीं है, लेकिन बच्चे नहीं माने, 9 दिन का नोट करवा दिया, हमने फिर खबर भेजी 7 दिन ही कथा होगी, हमने चेनल पर भी डलवा दिया था, अब दो दिन कथा नहीं हुई, तो वहां के तथा कथित हैं रावण के खानदान के वे बोले लो, बागेश्वर सरकार पांडाल छोडक़र भाग गए। जैसे उके बाप के हमने मूला छुड़ा लिए हो, ठठरी के बरे, नककटा हैं, उन्हें ये ही शर्मा नहीं आई वो बोले क्यों भाग गए, तो न्यूज पर विज्ञापन दिया दरबार के लिए हमने 30 लाख का बोला, हमारो बताएं तो 30 लाख रुपए दें, नककटा हम तो फ्री में बता देंगे, हमारी 7 दिन कथा हुई, दो दिन दरबार लगो, तब तुम्हारी आवे की नहीं बनी तो अब रायपुर में आ जाओ, किराया खर्चा हम से ले लो, दरबार तो पूरे भारत में लगेगा, जहां आना है आओ, वहीं तुम्हारी ठठरी बांध देंगे।