सिंगरौली. प्रदेश में एक ऐसा शहर है, जहां कि आबोहवा प्रदेश में तो सबसे खराब है ही सही, लेकिन दिल्ली से भी खतरनाक है, ये हम नहीं कह रहे हैं, इस बात का खुलासा खुद वहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स बता रहा है, यहां इतना अधिक प्रदूषण है कि लोगों को बगैर कोरोना के भी यहां मास्क लगाना पड़ता है। इस कारण जिस प्रकार लोग दिल्ली जाने से बचते हैं, वैसे ही एमपी के इस शहर में आने से भी कतराने लगे हैं।
जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले की अबोहवा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 366 है, जो प्रदेश में सबसे अधिक है, वहीं दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 385 है, अगर जनसंख्या के मान से देखें तो यह स्थिति दिल्ली से भी बद्तर है, क्योंकि यहां की जनसंख्या दिल्ली के अनुपात में काफी कम है। इसलिए यहां की आबोहवा को दिल्ली से भी खराब और जहरीली कहा जा सकता है।
40 साल में बूढ़े हो जाते हैं लोग
बताया जा रहा है कि यहां के लोग समय से पहले बूढ़े हो जाते हैं, क्योंकि यहां की आबोहवा इतनी खराब है कि इंसान की उम्र यहां बढऩे की जगह घटने लगती है, चेहरे पर झुर्रियां, बालों का झडऩा आदि समय से पहले हो जाता है, इस कारण महज 40 साल की उम्र में ही व्यक्ति बूढ़ा नजर आने लगता है।
कोहरा छाने के साथ ही ऊर्जाधानी सिंगरौली में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक 366 दर्ज किया गया। यह प्रदेश में सबसे ज्यादा खराब है। कटनी में 326, जबलपुर में 311 है। इन जिलों में भी एक्यूआइ का स्तर सबसे खराब श्रेणी का है। वायु प्रदूषण की यह स्थिति श्वसनतंत्र को प्रभावित करने वाली होती है। भोपाल में एक्यूआइ 216 है। इसमें भी सांस लेने में समस्या हो सकती है।
वायु प्रदूषण से सुरक्षा के लिए चिकित्सक मास्क का प्रयोग सर्वोत्तम उपाय बता रहे हैं। जिला अस्पताल के हृदय एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ. संतोष कुमार के मुताबिक, सांस की बीमारी से संबंधित लोग ज्यादा सतर्कता बरतें। मॉर्निंग वॉक पर जाने से बचें। समस्या होने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें।
प्रदूषण की मुख्य वजह
सिंगरौली जिले में धुआं उगलती विद्युत उत्पादक कंपनियों की दर्जनभर चिमनियां। सड़क मार्ग से कोल परिवहन। कोयला उत्पादन के लिए बारूद का विस्फोट। करीब छह बारूद फैक्ट्रियों का संचालन।
एयर क्वालिटीइंडेक्स
दिल्ली 385
सिंगरौली 366
कटनी 326
जबलपुर 311
भोपाल 216
प्रदूषण की मुख्य वजह कोहरा
वर्तमान में वायु प्रदूषण की यह स्थिति कोहरे की वजह से बताई जा रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी मुकेश श्रीवास्तव के मुताबिक कोहरा के चलते वायु के प्रदूषित कण सामान्य ऊंचाई से नीचे आ जाते हैं। इससे वायु प्रदूषण आमजन को प्रभावित करने वाला होता है।