कांगो के किशिशे शहर में पिछले सप्ताह हुए नरसंहार में करीब 300 लोगों की मौत होने का दावा किया जा रहा है। यह दावा कांगों सरकार के उद्योग मंत्री जूलियन पालुकु ने किया है। कांगों सरकार ने इस नरसंहार के लिए एम-23 विद्रोही समूह को जिम्मेदार ठहराया है।
डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में नरसंहार में करीब 300 लोगों की मौत होने का दावा किया जा रहा है। कांगो सरकार ने कहा कि किशिशे शहर में करीब 200 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। बता दें कि किशिशे शहर क्षेत्रीय राजधानी गोमा से करीब 70 किलोमीटर दूर है। उन्होंने एम-23 विद्रोही समूह पर हत्याओं का आरोप लगाया है। सरकार ने यह भी कहा कि विद्रोहियों को रवांडन सेना के सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। हालांकि, एम-23 विद्रोही समूह ने इस आरोप का खंडन किया है। उद्योग मंत्री जूलियन पालुकु ने कहा कि पिछले हफ्ते कांगो के पूर्वी लोकतांत्रिक गणराज्य में ग्रामीणों पर हुए हमले में लगभग 300 लोगों की मौत हो गई।
जूलियन पालुकु ने इनकी मौत के लिए एम23 विद्रोही समूह को दोषी ठहराया गया। हालांकि विद्रोही समूह ने नरसंहार के आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि 29 नवंबर को गांव में आठ नागरिक मारे गए थे। इसके साथ ही उन्होंने मौत के आंकड़ों पर भी सवाल उठाए है।
हर समुदाय के पास मृतकों का रिकॉर्ड
उद्योग मंत्री जूलियन पालुकु और सरकार के प्रवक्ता पैट्रिक मुयाया ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान हत्या के नए आंकड़े पेश किए। जिसमें नागरिक समाज और क्षेत्र में सभी समुदायों को समूह बनाने वाले संगठन से एकत्रित आंकड़ों का हवाला दिया गया। 2007 से 2019 तक उत्तर किवु प्रांत के गवर्नर रहे जूलियन पालुकु ने कहा कि हर समुदाय उन लोगों को रिकॉर्ड करने में सक्षम है, जो किशिशे और उसके आसपास की इकाइयों से मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि अकेले एक समुदाय में 100 से अधिक मौतें हुई हैं।
मृतकों में बच्चे भी शामिल
पालुकु ने कहा अब तक 300 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि मरने वाले सभी नागरिक थे। इसमें कम से कम दो दर्जन बच्चे भी शामिल है। मुयाया ने कहा कि डेटा को पूरी तरह से तोड़ना मुश्किल था क्योंकि यह क्षेत्र एम23 के कब्जे में था।
पिछले साल फिर सक्रिय हुआ एम23
उन्होंने कहा कि एम23 मुख्य रूप से कांगो के तुत्सी विद्रोही समूह है जो सालों से निष्क्रिय था। लेकिन इसने पिछले साल नवंबर में फिर से हथियार उठाए और जून में युगांडा की सीमा पर बनागना शहर पर कब्जा कर लिया। थोड़े समय के शांत रहने के बाद यह अक्टूबर में फिर से आक्रामक हो गया। वह अब निर्दोष नागरिकों को मौत के घाट उतार रहा है।