स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सिरोंज में लोक नृत्य लहंगी की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह प्रतियोगिता शाम 4 बजे शुरू हुई। इसमें 15 गांवों की टीम ने भाग लिया। अच्छा प्रदर्शन करने वाली टीम को 25,000 रुपए, दूसरे नंबर पर 15,000 और तृतीय स्थान वाले को 11,000 रुपए का नगद पुरस्कार भी दिया जाएगा।
इस अवसर पर विधायक उमाकांत शर्मा ने कहा कि आयोजनकर्ता लोक मंगल समिति की यह प्रतियोगिता लोक नृत्य लंहगी के प्रोत्साहन और संरक्षण की दिशा में अच्छा कदम है। आयोजनकर्ताओं ने कहा कि बारिश के बाद जब खेत हरे भरे हो जाते है तब किसान का मन हरी भरी फसल देखकर प्रफुल्लित हो जाता है। किसान के मन को खुशी का प्रकटीकरण ही है लहंगी नृत्य।
लहंगे की तरह गोल गोल घूमकर नाचने के कारण इस नृत्य का नाम लंहगी पड़ा। साधारण से ढपला, ढोलक, मंजीरे और हाथ में लकड़ी की डंडी बस इतना सा इंतजाम चाहिए इस लोक नृत्य के लिए। मूल चीज किसान के मन की उमंग ही है जो खेतों की हरियाली देखकर जाग पड़ती है। लहंगी करते समय कुछ लोग स्थानीय भाषा में गाते भी है, जिसमें भगवान से अच्छी फसल की कामना की जाती है।