
विदिशा। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अचल कुमार पालीवाल के मार्गदर्शन में शनिवार को लोक अदालत का आयोजन हुआ। इस दौरान जिले में 3900 प्रकरणों का आपसी समझौते के आधार पर निराकरण किया गया है। लोक अदालत का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर समस्त न्यायधीशगण तथा अधिवक्तागण मौजूद रहे।जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव के मुताबिक लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण के लिए 28 खण्डपीठों के माध्यम से आपराधिक शमनीय प्रकरण, सिविल प्रकरण, धारा 138 एनआई एक्ट के अंतर्गत प्रकरण, मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा प्रकरण, राजस्व प्रकरण, वैवाहिक प्रकरण, विद्युत, जल एवं संपत्तिकर संबंधी प्रकरणों, बीएसएनएल तथा बैंकों के वसूली प्रकरणों का निराकरण आपसी समझौते के आधार पर किया गया। लोक अदालत में न्यायालयों में लंबित 3126 प्रकरणों का तथा प्रीलिटिगेशन के 774 प्रकरणों का इस प्रकार कुल 3900 प्रकरणों का निराकरण आपसी राजीनामे के आधार पर किया गया है।
आपसी विवाद निपटाया, साथ रहने को राजी हुए पति-पत्नी
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में उल्लेखनीय बात यह रही कि कुटुम्ब न्यायालय विदिशा में दांपत्य संबंधों के पुर्नस्थापना के लिए लंबित एक वाद में ऐसे दंपति के मध्य समझौता कराया गया जिसमें पत्नी अपने पति से अपनी सारी संपत्ति बेचकर उसके साथ उसके माता-पिता के पास घर जवाई बनकर रहने की कह रही थी, जिस पर पति-पत्नी के मध्य आपसी विवाद होने लगा और पत्नी अपने मायके में निवास करने लगी। कुटुंब न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश एवं खंडपीठ के सदस्याें ने दंपति को समझाने के प्रयास किए। फलस्वरूप उनमें समझौता स्थापित हुआ और दोनों पक्ष पुन: साथ-साथ रहने को तैयार गए। लोक अदालत में समझौता करने पर पर्यावरण के संरक्षण की दृष्टि से फलदार पौधों का भी वितरण किया गया।