भिण्ड। किसानों ने खरीफ फसलों की बोवनी शुरू कर दी है। इस बीच भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति बनने के कारण फसलें भी खराब होने की आशंका है। किसानों के लिए यह अच्छा मौका है कि वे अपनी बोई गई खरीफ की फसल का बीमा ले सकते हैं, इसके लिए 31 जुलाई अंतिम तारीख रखी गई है। किसान संबंधित बैंकों के जरिए बीमा करवा सकते हैं।
प्राकृतिक आपदा में फसलों के नुकसान और जोखिमों की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) के तहत फसलों के बीमा कराने जिले भर के किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। जिससे अतिवर्षा, बाढ़ जैसी कोई भी आपदा आने पर किसानों को कोई नुकसान न हो और बैंक से मुआवजा के तौर पर नुकसान की भरपाई हो सके। ऋणी – अऋणी दोनों ही प्रकार के किसान अपनी अधिसूचित फसलों का अधिसूचित क्षेत्र के लिए बीमा करा सकते है। किसान बोई गई खरीफ फसलों का बीमा 31 जुलाई तक संबंधित बैंको के माध्यम से करा सकते है।
अऋणी किसानों के लिए यह दस्तावेज
कृषि उप संचालक शिवराज यादव ने बताया कि अऋणी कृषकों के लिए आवश्यक दस्तावेज फसल बीमा प्रस्ताव फार्म, आधार कार्ड व मोबाइल नंबरअनिवार्य है। अन्य पहचान पत्र शासन से मान्य दस्तावेज वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड, पेन कार्ड, समग्र आईडी, ड्रायविंग लाईसेंस, भू-अधिकार पुस्तिका, बोनी प्रमाण पत्र अनिवार्य रहेगा। किसान संबंधित दस्तावेज की मदद से योजना के तहत फसल बीमा करा सकेंगे।
फसलों की यह है बीमा राशि
खरीफ फसल धान सिंचित के लिए 720 रुपए प्रति हेक्टेयर, धान असिंचित के लिए 600 रुपए, सोयाबीन के लिए 663 रुपए, मक्का के लिए 460 रुपए, अरहर के लिए 520 रुपए, मूंग-उड़द के लिए 480 रुपए प्रति हेक्टेयर की बीमा प्रीमियम राशि निर्धारित है।
किसान बीमा प्रीमियम राशि का भुगतान कर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सम्मिलित होकर फसलों में आने वाले जोखिम की भरपाई कर सकते है। किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए उक्त योजना प्रारंभ की गई है।
जिन्हें बीमा नहीं करना वे बैंक को करें सूचित
योजना विगत वर्षों से स्वैच्छिक कर दी गई है। ऐसी स्थिति में जिन किसानों को फसलों का बीमा नहीं कराना है ऐसे किसान बीमांकन की अंतिम तिथि से 7 दिवस पूर्व अर्थात 24 जुलाई तक बैंक को निर्धारित प्रपत्र में सूचित कर दें कि वे इस वर्ष योजना में सम्मिलित नहीं होना चाहते हैं। वहीं अधिसूचित क्षेत्र के अऋणी कृषक अपनी अधिसूचित फसलों का बीमा अपने संबंधित बैंक व लोकसेवा केंद्र एवं निर्धारित बीमा कंपनी के प्रतिनिधि के माध्यम से स्वैच्छिक रूप से करा सकते हैं।
कैसे काम करती है यह योजना
फसल खराब होने अथवा नुकसान पहुंचने पर बीमा से पैसा मिल जाता है। यदि किसान की फसल प्राकृतिक कारणों से बर्बाद हो गई है तो सबसे पहले 72 घंटे के अंदर बीमा कंपनी को इसकी सूचना देना होता है।
सूचना के बाद बीमा कंपनी के अधिकारी खेत का दौरा करते हैं। वो यह देखते हैं कि फसल कितनी खराब हुई। यानी वो आकलन करके रिपोर्ट तैयार करके बीमा कंपनी को दे देते हैं। इस प्रोसेस के पूरा होने के बाद किसानों को मुआवजा दे दिया जाता है। मुआवजा बीमा और बर्बादी के हिसाब से दिया जाता है यानी पैसे इसी हिसाब से मिलते हैं।
ऐसे करें रिजस्ट्रेशन
सबसे पहले योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmfby.gov.in पर जाएं। इसके बाद ‘किसान कॉर्नर’ पर क्लिक करें।
इसके बाद मोबाइल से लॉगिन करें,यदि आपका यहां खाता नहीं है तो अतिथि किसान के रूप में आप यहां लॉगिन कर सकते हैं।
फिर जरूरी दस्तावेज नाम, आयु, राज्य और पता आदि दर्ज कर दें।
आखिर में सबमिट कर दें।
यह दस्तावेज जरूरी
- बैंक खाता संख्या (आधार से लिंक वाला)
- खेत का खसरा नंबर
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- निवास का प्रमाण पत्र
- खेत किराए का है, तो मालिक के साथ इकरार नामा की कॉपी।