इतिहास में पहली बार नेपाल से भारत को सीमेंट भेजा गया है। व्यापार की दिशा में पड़ोसी देश काफी मजबूत हो रहा है। आधिकारिक प्रक्रिया शुक्रवार को शुरू हुई जब पाल्पा सीमेंट इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अपने तानसेन ब्रांड को भारत में निर्यात किया। खबरों के मुताबिक पड़ोसी देश नेपाल के पाल्पा की इस सीमेंट फैक्ट्री ने भारत के गोरखपुर के सीमेंट कारोबारियों के साथ बैठक कर उन्हें नेपाल का सीमेंट भारत में बेचने के लिए तैयार कर लिया है।
पश्चिमी नवलपरासी जिले के सुनवाल नगर पालिका -7 में स्थित कंपनी ने लॉन्च को चिह्नित करने के लिए एक विशेष समारोह की मेजबानी की। बता दें, सरकार ने अपने वार्षिक बजट में नेपाली कच्चे माल का उपयोग कर सीमेंट निर्यात करने वाली कंपनियों को 8 प्रतिशत नकद सब्सिडी देने की घोषणा की थी।
पाल्पा सीमेंट के जनसंपर्क कार्यालय के जीवन निरुआला ने कहा, “आज, हमने भारत को लगभग तीन हजार बोरी सीमेंट का निर्यात किया। अब से, हम इसे दैनिक आधार पर मांग के अनुसार निर्यात करेंगे।” वहीं उद्योगपतियों ने इस विकास का स्वागत किया है क्योंकि नेपाल इस निर्माण सामग्री पर आत्मनिर्भर हो गया है।
नेपाल में 50 से अधिक सीमेंट कंपनियां काम करती हैं। उनमें से, पाल्पा सीमेंट इंडस्ट्रीज लिमिटेड सहित 15, सीमेंट और क्लिंकर दोनों का उत्पादन करते हैं। विभिन्न रिपोर्टों से पता चलता है कि कंपनियों की कुल सीमेंट उत्पादन क्षमता 22 मिलियन टन है। उद्योगपतियों का कहना है कि नेपाली सीमेंट उत्पादों को भारतीय बाजार में कड़ी कीमत प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है।
पाल्पा सीमेंट इंडस्ट्रीज लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक शेखर अग्रवाल ने कहा कि सीमेंट निर्यात भारत के साथ नेपाल के व्यापार घाटे को 15 प्रतिशत तक कम कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार में ओपीसी की तुलना में पीपीसी सीमेंट की मांग अधिक थी, और सीमेंट उत्पादन के लिए उपयोग करने के लिए उनकी कंपनी का अपना चूना पत्थर अयस्क है।
पाल्पा सीमेंट इंडस्ट्रीज रोजाना 1,800 टन सीमेंट और 800 टन क्लिंकर का उत्पादन कर रही है, जबकि इसकी 3,000 टन सीमेंट उत्पादन क्षमता है। नेपाल से पहली बार भारत भेजे गए सीमेंट को लेकर नेपाल के सीमेंट फैक्ट्री के मालिक काफी उत्साहित है। व्यापारियों ने बताया कि नेपाल से भारत जाने वाला सीमेंट भारत के सीमेंट से काफी सस्ता होगा, जिसकी काफी डिमांड होगी।