भोपाल। जिले की 222 पंचायतों में सरपंच, पंच, सदस्य पद के लिए आज, शनिवार को मतदान है। शुक्रवार सुबह फंदा के 266 मतदान केंद्रों के लिए ओल्ड कैंपियन स्कूल से मतदान दल रवाना किए गए। मतदान सामग्री लेने के बाद कर्मचारियों ने मतपेटियां उठाईं तो काफी पेटियों में जंग लगी हुई थी।
वह जोर लगाने पर भी खुल नहीं रही थीं। कर्मचारियों ने ऐसी पेटियों को लेने से मना कर दिया। रिजर्व में रखीं 1600 मतपेटी में से उनको देना शुरू किया तो पता चला उसमें से भी काफी पेटी खराब थीं। इसके बाद दल को एक-एक पेटी देकर बूथ पर रवाना कर दिया। यही स्थिति बैरसिया के 309 बूथों के लिए रवाना किए गए दल के साथ भी बनी।
पंचायत चुनाव में भोपाल जिले में 575 बूथ पर वोट डाले जाएंगे। 115 बूथ और 20 फीसदी कर्मचारी रिजर्व रखे गए हैं। फंदा ब्लॉक में 1 लाख 59 हजार 587 मतदाता हैं जो आज वोट डालकर पंचायतों का भविष्य तय करेंगे। फंदा ब्लॉक में 96 ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत के 25 वार्ड और जिला पंचायत के 10 वार्ड हैं। इसी प्रकार बैरसिया में 1 लाख 65 हजार 519 मतदाता हैं जो बैरसिया की 126 ग्राम पंचायतों में वोट डालेगी।
मैदान में 4225 उम्मीदवार
सात साल बाद हो रहे पंचायत चुनाव के लिए 222 पंचायतों में पंच, सरपंच, जनपद और जिला पंचायत सदस्यों के पदों लिए 4225 प्रत्याशी भाग्य आजमाएंगे। इस बार पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, जिसके चलते महिलाओं ने जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य, सरपंच और पंच के पदों के लिए बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है।
चार कलर के मतपत्र से होगा मतदान: पंचायत चुनाव में पंच के लिए सफेद, सरपंच के लिए नीला जनपद पंचायत सदस्य के लिए पीला और जिला पंचायत सदस्य के लिए गुलाबी रंग का मतपत्र होगा।
सुबह कम कर्मचारी आए, बसें खाली रहीं
मतदान सामग्री वितरण के समय सुबह कम कर्मचारी उपस्थित हुए। बाकी साथी बाद में या भोर होने तक मतदान केंद्रों पर पहुंचेंगे। यही स्थिति बैरसिया के लिए रवाना किए गए दलों की रही। इस कारण कई बसें तो खाली ही खड़ी रहीं। बाद में उनमें कम कर्मचारी बैठाकर ही दलों को रवाना किया गया।
चुनाव ड्यूटी नहीं कटने वाले नाराज
कई कर्मचारियों ने चुनाव ड्यूटी से नाम कटवाने के लिए आवेदन प्रस्तुत किए थे। लेकिन उनके नाम नहीं कटे तो उन्होंने नाराजगी जताई। कई कर्मचारी तो ओल्ड कैंपियन पर काना फूसी कर रहे थे कि वे बाकई बीमार हैं, लेकिन आवेदन के बाद भी ड्यूटी नहीं कटी।
मतपेटियों की साफ सफाई और व्यवस्थित करने का काम आईटीआई गोविंदपुरा को दिया था। उन्होंने दो बार मतपेटियों को चैक किया है। इसके बाद ही दलों को दी गई हैं। जहां पेटी कम पड़ेगी, वहां दूसरी दी जाएंगी।
– संजय श्रीवास्तव, उप जिला निर्वाचन अधिकारी