Friday, September 26

जल भराव रोकने की तैयारी भूले, शहर में बनते हैं बाढ़ के हालात

विदिशा। पंचायतों व नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियों में बाढ़ बचाव संबंधी कार्यों की अनदेखी हो रही है। पूर्व में शहर की कई ब स्तियों अधूरे नाले-नालियों के कारण बाढ़ की चपेट में आती रही हैं और वि भिन्न बस्तियों में बाढ़ के हालात एवं 1 हजार से अ धिक लोगों को राहत शिविरों में शरण देने की नौबत बनती आई है, लेकिन लोेगों की इन मु श्किलों का हल इस बारिश में होता नहीं दिख रहा है। इससे इस बार भी अ धिक बारिश हुई तो कई ब स्तियों के रहवासियों को अपने घर छोड़कर शिविरों में रातें गुजारने को मजबूर होना पड़ेगा।
मालूम हो कि कई ब स्तियां शहर के बड़े नालों के किनारे है। बारिश में यह नाले पानी से लबालब हो ब स्तियों में उफान मारने लगते हैं। कई घरों में पानी भरा जाता है और रातों रात घरों को खाली करने की िस्थति बनती है। पूर्व वर्षों में हर वर्ष बारिश से बचाव की तैयारियां होती थी। नालों की सफाई की ओर ध्यान दिया जाता था। नए नालों का निर्माण, पुराने नालों की सफाई प्राथमिकता में रहता था। गत वर्ष तत्कालीन कलेक्टर पंकज जैन सहित समूचा अमला नालों की गहराई नापते और निकासी की बेहतर व्यवस्था के लिए नालों का निरीक्षण करते रहे और इस कार्य की मानीटरिंग वे स्वयं करते थे। इस सबके बाद बारिश की मु श्किलें कुछ कम हुई थी लेकिन इस बार हालात और भी खराब दिख रहे हैं। शहर के बड़े नाले अब तक साफ नहीं हो पाए हैं। इससे िस्थति और भी अ धिक बिगड़ने के आसार बन रहे हैं।

शहर मेे जल भराव के यह प्रमुख कारण पर नहीं लिया सबक

शहर में बाढ़ के हालातों जो कारण सामने आते रहे उनमें नालों की सफाई नहीं होना, जल बहाव अवरुद्ध होना, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का उचित चिन्हांकन नहीं होना, बाढ़ से बचाव के लिए मशीन, उपकरण, वाटर पंप का अभाव आदि प्रमुख प्रमुख है, लेकिन इन कमियों की पूर्ति इस बार भी होती नहीं दिख रही। बस्तियों में जल निकासी के ठोस कार्य अब तक नहीं हो पाए हैं। नाले नालियों सड़कों के टैंडर करने में बारिश नजदीक आने का इंतजार होता रहा। परिणाम वहीं सामने आए कि टैंडर खुलने से पहले ही आचार संहिता लग गई और यह सभी कार्य अब अटक गए हैं। जबकि पहले से ही स्वीकृत नाले-नालियों के काम भी नहीं हो पाए। ऐसे में अगर अ धिक बारिश हुई तो नपा की यह अनदेखी बारिश में कई ब स्तियों के लिए भारी पड़ सकती है। इसमें करैयाखेड़ा पीएचई के पास का नाला, सागर पुलिया नाला, बालाजीपुरम पुलिया नाला के नाले की सफाई का कार्य जरूरी है, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है।

बारिश में यह क्षेत्र आते हैं आफत में

शहर में बारिश के दौरान नौलखी, सुभाषनगर, उदयनगर, बंटीनगर, करैयाखेड़ा हरिपुरा, रॉयल सिटी, रायपुरा, भोपाल मार्ग स्थित काली मंदिर के समीप की बस्ती, पूरनपुरा, बालकदास की तलैया आदि क्षेत्रों में जल भराव की स्थिति बनती है। वहीं नीमताल से तिलक चौक की ओर जाने वाले मार्ग एवं अस्पताल मार्ग, सिंधी कॉलोनी मार्ग पर जल निकासी ठीक नहीं होने इन स्थानों पर सड़कें पानी से लबालब रहती है और वाहन नहीं निकल पाते हैं। यह समस्या वर्षों पुरानी है लेकिन समस्या का स्थायी हल नहीं निकाला जा सका है और इन प्रभावित ब स्तियों के पीडि़तों को बजरिया जय कांप्लेक्स, सेंटमेरी कॉलेज, जैन स्कूल, रायपुरा स्कूल, माधवगंज क्रमांक-1 स्कूल, आदि स्थानों पर राहत शिविर लताकर पीडि़तों को रुकवाना पड़ता है।

इधर नपा का दावा
बाढ़ से बचाव की पूरी तैयारी है। नाले साफ कराए जा रहे पोकलेन मशीन नालों की सफाई में लगाई गई है। कितने लोग बाढ़ से प्रभावित होंगे। उन्हें कहां रुकवाया जाएगा यह तय कर लिया गया है। बाढ़ से बचाव कार्य में कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई जा चुकी है।

-सुधीरसिंह, सीएमओ,