Friday, September 26

रानिल विक्रमसिंघे होंगे श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री, शाम 6.30 बजे लेंगे शपथ

यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) नेता रानिल विक्रमसिंघे आर्थिक और राजनीतिक संकट से गुजर रहे श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री होंगे। वे आज शाम 6.30 बजे प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनकी पार्टी ने इस बात की पुष्टि की है। वे पहले भी प्रधानमंत्री का पद संभाल चुके हैं। 2019 में रानिल ने अपनी ही पार्टी के दबाव के चलते PM पद से इस्तीफा दे दिया था।

कौन हैं रानिल विक्रमसिंघे
रानिल विक्रमसिंघे 1994 से यूनाइटेड नेशनल पार्टी के प्रमुख रहे हैं। वह अब तक 4 बार श्रीलंका के PM रह चुके हैं। 73 साल के रानिल ने वकालत की पढ़ाई की है। 70 के दशक में रानिल ने राजनीति में कदम रखा और पहली बार 1977 में सांसद चुने गए थे। 1993 में पहली बार PM बनने से पहले रानिल उप विदेश मंत्री, युवा और रोजगार मंत्री सहित कई और मंत्रालय संभाल चुके हैं। वे संसद में दो बार विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं।

नई कैबिनेट भी नियुक्त होगी
इसके पहले राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने ऐलान किया था कि वह एक हफ्ते में नए प्रधानमंत्री के नाम का ऐलान करेंगे। उन्होंने कहा था- अगले एक हफ्ते में ऐसे प्रधानमंत्री को नियुक्त करूंगा जिसके पास बहुमत हो और लोग जिसमें भरोसा करते हों। मैं मंत्रियों की नई कैबिनेट भी नियुक्त करूंगा। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से नफरत फैलाने से बचने की अपील की।

सेंट्रल बैंक गवर्नर ने कही पद छोड़ने की बात
श्रीलंका सेंट्रल बैंक गवर्नर पी नंदलाल वीरसिंघे का कहना है कि अगर अगले 2 सप्ताह के भीतर देश में राजनीतिक स्थिरता नहीं आई तो वो अपना पद छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि जब तक वर्तमान राजनीतिक संकट का हल नहीं निकाला जाता है तब तक देश की इकोनॉमी को ठीक करने की कोशिशें नाकाम रहेंगी।

ट्रेड यूनियनों ने वापस ली हड़ताल
श्रीलंका की ट्रेड यूनियनों ने बुधवार को सरकार के खिलाफ हड़ताल वापस ले ली है। देश में लगातार घट रही हिंसक घटनाओं के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। इन यूनियनों का कहना है कि देश को स्थिर रखने में मदद करना हमारी जिम्मेदारी है। ट्रेड यूनियनों की तरफ से रवि कुमुदेश ने कहा- कुछ लोग इस संकट का फायदा उठाने चाहते हैं, हम उन्हें इसका मौका नहीं देंगे।

ऑयल और गैस के वितरण को अस्थायी तौर पर रोक
श्रीलंका पेट्रोलियम प्राइवेट टैंकर ओनर्स एसोसिएशन (SLPPTOA) ने ऑयल और गैस के वितरण को अस्थायी तौर पर रोक दिया है। SLPPTOA का कहना है कि जब सुरक्षा तय नहीं की जाएगी, तब ऑयल वितरण नहीं होगा। वहीं, एसोसिएशन की सचिव शांता सिल्वा का कहना है कि कुछ खास जगहों पर सुरक्षा के बीच ही ऑयल मिलेगा।