Saturday, September 27

दुकानदारों से चार गुना किराया वसूलने के थमाए गए नोटिस

विदिशा। राज्य सरकार द्वारा पहले जहां भ्रष्टाचार की जांच में मामले में जांच एजेंसियों के हाथ बांध दिए गए हैं। वहीं अब मध्यप्रदेश के एक जिले की शहर सरकार यानि नगरपालिका ने अपने दुकानदारों को फिर एक बार चार गुना किराया वसूलने के नोटिस थमा दिए हैं। जिससे दुकानदार में नाराजगी बढ़ रही हैं।

पिछले वर्ष भी हुआ था विरोध
ज्ञात हो कि विदिशा नगर पालिका का यह मामला पिछले वर्ष से गर्माया हुआ है। इसके चलते किराया वसूलने नपा कर्मचारियों ने बस स्टैंड स्थित कुछ दुकानों में तालाबंदी भी कर दी थी। जिस पर व्यापारी विरोध के लिए सड़क पर तक आ गए और बस स्टैंड की सभी दुकानें बंद कर धरना शुरू कर दिया था।

इसके बाद नगर पालिका को दुकानों के ताले खोलने पड़ गए थे। जिसके चलते कुछ माह से मामला ठंडे बस्ते में चला गया, लेकिन अब फिर एक बार यह नोटिस दुकानों पर पहुंचने लगे हैं, जिससे दुकानदारों में नाराजी तो बढ़ ही रही है वहीं दुकानदार एक बार फिर भड़कना शुरु हो गए है।

एक बार फिर शहर सरकार द्वारा कि गई अचानक कार्रवाई में दुकानदार इस वृद्धि दर को काफी अधिक मान रहे हैं। उनका कहना है कि दो साल तो कोरोना से जूझते हुए निकाल गए, वहीं अब इस वर्ष जैसे तैसे दुकान चला पा रहे हैं, तो नपा उनसे फिर चार गुना किराया वसूलने के लिए मजबूर करने लगी है।

शहर में करीब 800 दुकानें है नपा की
शहर में बस स्टैंड, सावरकर बालविहार, पीतलमिल चोराहा , सांकलकुआ, अस्पताल मार्ग आदि स्थानों पर नगरपालिका की करीब 800 दुकानें हैं। इनमें करीब 397 दुकानें स्थायी और करीब 135 दुकानें ऐसी जिसमें दुकान मालिक कोई और व दुकान कोई और चला रहा।

बताया जाता है कि इनमें कई दुकान ऐसी भी हैं, जो नगर पालिका के निर्धारित किराए से अधिक किराए पर दूसरे को दे दी गई हैं। तो वहीं कुछ ने तो दुकानें दूसरों को बेच भी दी हैं। जबकि नगर पालिका का न्यूनतम किराया तक नगर पालिका को वर्षों से जमा नहीं कराया गया है। इन सभी स्थितियों के चलते नगर पालिका ने शासन से जारी गाइड लाइन का पालन कराने पुन: कार्रवाई शुरू की गई है और नोटिस मिलने के बाद से व्यापारियों में खासी नाराजी है।

नवीनीकरण भी होना है दुकानों का
वहीं नगर पालिका कर्मचारियों के मुताबिक इन दुकानों से चार गुना किराया और कलेक्टर गाइड लाइन से दुकानों का नवीनीकरण भी किया जाना है। पूर्व में भी कई बार नोटिस जारी करने की प्रक्रिया की जा चुकी और अभी पुन: नोटिस दिए जा रहे पर दुकानदार न किराया दे रहे हैं और न नवीनीकरण करा रहे हैं। यह नवीनीकरण आगामी 30 वर्ष के लिए किया जा रहा है।