विदिशा। ग्रामीण परिवहन नीति के तहत प्रदेश में विदिशा को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है। इसके तहत कुछ दिनों से चल रही तैयारी अब 1 मई से मूर्तरूप लेने जा रही है। यह सेवा रविवार से यह सेवा 30 से अधिक यात्री वाहनों के साथ शुरू होगी और ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों पर इन वाहनों का दौड़ना शुरू हो जाएगा। जिला परिवहन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार 1 मई से यह सेवा शुरू की जा रही। कुछ ही दिनों बाद इस सेवा का औपचारिक शुभारंभ होगा।
मालूम हो कि वर्ष 2005 से राज्य सड़क परिवहन निगम बंद होने के बाद से जिले के सैकड़ों गांव यात्री बस सेवा से वंचित थे और उन्हें गांव से दूसरे गांव जाने के लिए दूसरों के वाहनों पर आश्रित रहना पड़ता था। इस सेवा के शुरू होने से अब यात्रियों को अपने ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों पर बसें उपलब्ध हो सकेगी। जिले को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में चुने जाने के बाद से परिवहन विभाग इसकी सतत तैयारियों में है। शनिवार को अवकाश का दिन होने के बाद भी परिवहन विभाग का कार्यालय खुला रहा और लोगों को वाहनों के रूट परमिट जारी किए जाने का कार्य चलता रहा। शनिवार तक यात्री वाहनों के 35 परमिट बनाए जा चुके थे। परिवहन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार आगामी दिनों में वाहनों की संख्या और बढ़ाई
जाएगी। इस सेवा में कई स्कूल बस संचालक भी शामिल हुए हैं और वे अपने स्कूल वाहन को बस का स्वरूप देने लगे हैं। ———————-
546 गांव के ग्रामीणाें की यात्रा होगी आसान
परिवहन कार्यालय के मुताबिक इस परिवहन सेवा के लिए जिले के 76 ग्रामीण मार्ग चिन्हित किए गए हैं। जिनकी कुल लंबाई 1513 किमी है। इन मार्गों से 546 गांव जुड़े हैं। इन सभी गांव के रुटों पर इन बसों का दौड़ना शुरू हो रहा इससे करीब 4 लाख 70 हजार 523 ग्रामीणों की यात्रा अब आसान हो रही है। इन यात्री वाहनों में मैजेक वाहन, 16 सीटर, 20 सीटर आदि छोटे वाहन व बसों को शामिल किया गया है। जिले की सभी तहसीलों में 10 से 18 तक की संख्या में रूट बनाए गए हैं और यह रूट 10 से 42 किमी तक है। इस सेवा से ऐसे अछूते गांव जहां अब तक यात्री परिवहन सेवा नहीं थी इन सभी को अब उनका सफर आसान हो सकेगा। यात्रियों को बस के इस सफर में कम से कम 7 रुपए देने होंगे। किराया 1 रुपए 25 पैसे किलोमीटर रहेगा।
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अवैध परिवहन की स्थति होगी खत्म
इस परिवहन सेवा के शुरू होने से कई बार इन मार्गों पर अवैध परिवहन की िस्थति भी बन रही थी। इससे ग्रामीणों की यात्रा सुरक्षित नहीं थी, लेकिन अब यात्री परिवहन के लिए नियमानुसार परमिट दिए जा रहे हैं। ऐसे में अवैध परिवहन का संचालन भी रुकेंगा और वाहन संचालक नियमानुसार वाहनों का संचालन कर सकेंगे। वहीं यात्री वाहनों के मार्गों पर अब रोजगार के अवसर भी खुलेंगे। जहां बसें रुकेगी वह स्थान बस स्टाफ के रूप में पहचाना जाएगा, जिससे वहां छोटे-छोटे व्यवसाय शुरू होंगे। लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
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वर्जन
ग्रामीण परिवहन नीति पायलेट प्रोजेक्ट के तहत 1 मई से ग्रामीण रूटों पर यात्री परिवहन सेवा शुरू कराई जा रही है। अभी 35 वाहनों से यह सेवा शुरू की जा रही आगामी दिनों में वाहनों की यह संख्या 50 तक की जाएगी। इस सेवा के शुरू होने से हर दिन बड़ी संख्या में ग्रामीणों को इसका लाभ मिलेगा।
-गिरिजेश वर्मा, जिला परिवहन अधिकारी