भोपाल। मध्य प्रदेश में किसानों (MP Farmers) के लिए बड़ी खबर है। किसानों को राहत देने और उन्हें धोखाधड़ी से बचने की जांच की गई है। इसके लिए नए एमओयू (MoU) पर साइन किया गया है। मध्य प्रदेश सरकार लगातार किसानों के हित में नवीन फैसले लिए जा रहे हैं। इसी बीच किसान कल्याण और कृषि विकास मंत्री कमल पटेल (kamal patel) ने कहा कि भारतीय डाक विभाग (Indian Postal Department) और कृषि विभाग के बीच एमओयू सुशासन के दिशा में उठाया एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
कमल पटेल ने कहा कि डाक विभाग से किए गए एमओयू से किसानों को दुकानदारों द्वारा की जाने वाली धोखाधड़ी से बचाई जा सकेगी। इसके लिए कई नवीन तकनीक इजाद की गई। जिसमें आधुनिक फेसलेस तकनीक का उपयोग करके रसायन और पौध संरक्षण औषधि के नमूने एकत्रित किए जाएंगे और इसके साथ ही इसे पोस्ट ऑफिस द्वारा क्यूआर कोड प्रणाली का उपयोग कर प्रयोगशाला में भेजा जाएगा।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि पौधा संरक्षण और सभी के नमूनों की जांच भारतीय डाक विभाग द्वारा आधुनिक फैसले से कराई जाएगी। वहां यह पता लगाया जाना संभव नहीं होगा कि किस दुकान का सैंपल किस लैब में जांच के लिए भेजा गया है। इससे पेस्टिसाइड की सैंपल इन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी होगी और किसानों के साथ धोखाधड़ी नहीं किया जा सकेगा।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि सैंपलिंग में ईमानदारी और निष्पक्षता रहेगी और प्रक्रिया पूरी तरह से गोपनीयता का भी पालन करेगी। जानकारी देते हुए मंत्री कमल पटेल ने कहा कि पहले विक्रेता और वितरकों से संकलित किए गए कृषि रसायन के नमूने विशेष वाहक और कोरियर अथवा पंजीकृत डाक से प्रयोगशाला में भेजे जाते थे। जिसके बाद कीटनाशक गुणवत्ता नियंत्रण के क्रियान्वयन के लिए ऑनलाइन पद्धति और निगरानी प्रणाली शुरू की गई थी। इससे राज्य में गुणवत्ता और लक्ष्य निर्धारण सहित प्रयोगशाला को प्रेषित करने वाली प्रक्रिया और रिपोर्ट आदि को डिजिटलाइज किया गया है।
जानकारी देते हुए कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि औषधि के सैंपल इनकी जांच प्रणाली में क्यूआर कोड प्रणाली का उपयोग किया जाएगा। जिससे सुरक्षित कोडिंग प्रक्रिया सुनिश्चित की गई है। कीटनाशक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला द्वारा नमूना प्राप्त कर इसे विश्लेषण रिपोर्ट तक की प्रक्रिया को डिजिटलाइज किया जाएगा और प्रक्रिया सबके लिए पारदर्शी रूप से उपलब्ध होगी।