Friday, October 3

अफगान तालिबान की PAK को धमकी-डिफेंस मिनिस्टर बोले- पाकिस्तान के हमले बर्दाश्त नहीं, एयर स्ट्राइक का जवाब दिया जाएगा

पाकिस्तान और अफगानिस्तान की तालिबान हुकूमत के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। दोनों देशों के बीच सीमा (डूरंड लाइन) समेत कई विवाद हैं। पाकिस्तानी फौज ने अफगानिस्तान में मौजूद तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की है। अफगानिस्तान की तालिबान हुकूमत ने अब इसका जवाब देने की धमकी दी है।

अफगानिस्तान के डिफेंस मिनिस्टर मुल्ला मोहम्मद याकूब ने सोमवार को कहा- पाकिस्तान के हवाई हमलों का करारा जवाब दिया जाएगा। पड़ोसियों के हमले को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने 16 अप्रैल को पूर्वी अफगानिस्तान के खोस्त और कुनार प्रांतों में एयरस्ट्राइक की थी। 40 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इनमें महिलाएं और बच्‍चे भी शामिल हैं। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने डूरंड लाइन पर भी फायरिंग की थी। तालिबान ने इसका जवाब दिया था।

तालिबान चीफ मुल्‍ला उमर के बेटे मुल्‍ला याकूब ने कहा- हम दुनिया और पड़ोसी देशों की तरफ से चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। कुनार हमला इसका सबूत है। हम अब तक इसलिए चुप थे, क्योंकि हमें अपने राष्‍ट्रीय हित देखने थे, लेकिन अब यह सहन नहीं किया जाएगा।

याकूब के बयान पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
याकूब के बयान पर पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने कहा- दोनों देशों में शांति के लिए पाकिस्‍तान, अफगानिस्‍तान से लंबे समय तक संबंध बनाए रखना चाहता है। दोनों देशों के बीच भाईचारे वाला संबंध था। सरकारें और लोग दोनों ही आतंकवाद को गंभीर खतरे के रूप में देखते हैं और लंबे समय से इससे पीड़‍ित रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि दोनों ही देश बातचीत से विवाद सुलझाएं। हम इसके लिए सहयोग करने को तैयार हैं।

अफगानिस्तान के सब्र का न लें इम्तहान
तालिबान ने पहले भी हवाई हमलों को लेकर पाकिस्‍तान को कड़ी चेतावनी दी थी। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा था- अफगानिस्तान की हुकूमत पाकिस्तान से मांग करती है कि वो ऐसे मामलों में अफगानिस्तान के सब्र का इम्तहान न ले। ऐसी गलती दोबारा हुई तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। दोनों देशों के बीच समस्याओं को राजनीतिक तरीकों से हल किया जाना चाहिए।’

TTP ने तोड़ा था सीजफायर
16 अप्रैल को पूर्वी अफगानिस्तान में जो हमला हुआ, उसे लेकर पाकिस्तान ने कोई बयान नहीं दिया। हालांकि, वहां के मीडिया का कहना है कि एयरस्ट्राइक के जरिए TTP पर हमला किया गया था। दरअसल, TTP पाकिस्तान में लगातार हमले कर रहा है और अफगानिस्तान की तालिबान हुकूमत TTP पर लगाम कसने के बजाए इसे पाकिस्तान का अंदरूनी मामला बता रही है। पिछले साल नवंबर में पाकिस्तान सरकार और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने एक महीने के सीजफायर का ऐलान किया था। पाक सरकार की तरफ से TTP के लड़ाकों को छोड़ने की भी बात कही गई थी। हालांकि जब इमरान सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया तो TTP ने एकतरफा सीजफायर तोड़ कर पाकिस्तान पर हमले शुरू कर दिए। अब इमरान सत्ता में नहीं हैं।

सीमा पर हालात गंभीर
तालिबानी प्रशासन ने पाकिस्‍तान के राजदूत को तलब करके हवाई हमलों के खिलाफ विरोध दर्ज कराया था। वहीं, स्‍थानीय लोगों का कहना है कि पाकिस्‍तानी हमले में अफगानिस्‍तान के 36 से ज्‍यादा लोग मारे गए थे। संयुक्‍त राष्‍ट्र की बच्‍चों से जुड़ी संस्‍था ने कहा था कि पाकिस्‍तानी सेना के हमले में 20 बच्‍चे मारे गए थे।

दरअसल, पाकिस्तान ने कई मौकों पर कहा कि वो दोनों देशों के बीच मौजूद डूरंड लाइन को ही असली सीमा रेखा मानता है, लेकिन अफगानिस्तान की किसी भी हुकूमत ने अब तक डूरंड लाइन को मान्यता नहीं दी है। इसी को लेकर तालिबान और पाकिस्‍तान के बीच कई बार गतिरोध हो चुका है और सीमा पर हालात तनावपूर्ण हैं।

अफगानिस्तान का झुकाव भारत की तरफ
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद भुखमरी जैसे हालात बन गए हैं। इस परेशानी में भारत इंसानी मदद के तौर पर अफगानिस्तान के लिए गेहूं और दवाइयां भेज रहा है। भारत सरकार ने हाल ही में 50,000 टन गेहूं अफगानिस्तान भेजा है। इसके अलावा अफगानिस्तान में सामाजिक-आर्थिक दशा को बदलने के लिए 500 से अधिक प्रोजेक्ट को भारत की मदद से पूरा किया गया।

पाकिस्तान को यह कभी रास नहीं आया है कि तालिबान किसी भी सूरत में भारत से संपर्क में रहें, क्योंकि अगर ऐसा होता है तो पाकिस्तान की अफगानिस्तान में भूमिका बहुत कमजोर हो जाएगी। यही वजह है कि अब पाकिस्तान के अफगानिस्तान के साथ रिश्ते बिगड़ रहे हैं।