ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन आज दो दिन के दौरे पर भारत पहुंच गए हैं। थोड़ी देर पहले जॉनसन का विमान अहमदाबाद पहुंचा। अहमदाबाद पहुंचने के बाद उनका भव्य स्वागत हुआ। लोगों ने हाथ में तिरंगा और वेलकम टू इंडिया की होर्डिंग लेकर ब्रिटिश पीेएम का स्वागत किया। वे साबरमती गांधी आश्रम जाएंगे। यहां उन्हें महात्मा गांधी की शिष्या मेडेलीन स्लेड उर्फ मीराबेन की ऑटोबायोग्राफी ‘द स्पिरिट्स पिलग्रिमेज’ यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को साबरमती आश्रम के तरफ से गिफ्ट की जाएगी। यह किताब महात्मा गांधी की दो किताबों में से एक है, जो कभी पब्लिश नहीं हुई।
यह पहला मौका है कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री गुजरात का दौरा कर रहे हैं। गुजरात में ब्रिटिश पीएम जॉइंट ट्रेड के कई महत्वपूर्ण निवेश प्रस्तावों की घोषणा करेंगे।
भारत और ब्रिटेन दोनों ही फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर सकारात्मक रुख दिखा रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि जॉनसन की इस विजिट से इस तरफ अहम प्रगति होगी। ब्रिटेन, भारत के साथ सालाना कारोबार को 2.89 लाख करोड़ तक ले जाने का इच्छुक है।
अहमदाबाद से शुरू होगी जॉनसन की भारत यात्रा
ब्रिटिश प्रधानमंत्री गुरुवार को गुजरात में कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे। इसके बाद वह शाम को दिल्ली के लिए रवाना होंगे। 22 अप्रैल को मोदी के साथ शिखर बैठक करेंगे। ब्रिटिश पीएम की भारत दौरे से पहले ‘नए युग की ट्रेड डील’ (अर्ली हार्वेस्ट डील) की काफी ज्यादा चर्चा है। इस डील को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से अलग हटकर बताया जा रहा है।
इस अर्ली हार्वेस्ट डील में गुड्स एंड सर्विसेज और निवेश को ही नहीं बल्कि इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स, जियोग्राफिकल इंडिकेशन (GI टैग) और सतत विकास को भी शामिल किया जाएगा। जॉनसन की यात्रा के समय इस पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।
5300 करोड़ रुपए के निवेश समझौतों पर सहमति
भारत, ब्रिटेन में 5300 करोड़ रुपए के निवेश समझौतों पर सहमति दे चुका है। उधर, 2023 में G-20 बैठक की अध्यक्षता भारत के पास होगी। ब्रिटेन इस बैठक में अहम भूमिका के साथ हिस्सेदारी करना चाहता हैं। इस पर भी चर्चा होगी।
भारत आर्थिक महाशक्ति, रिश्ते बढ़ाएंगे: जॉनसन
भारत यात्रा से पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि भारत आर्थक महाशक्ति और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। वर्तमान अस्थिर वैश्विक हालात में भारत, ब्रिटेन का अहम रणनीतिक साझेदार है। उन्होंने कहा कि मेरी यात्रा से रोजगार के अवसर, सुरक्षा और आर्थिक विकास के रिश्तों में बढ़ोतरी होगी।
यूक्रेन युद्ध पर भी भारत अपना पक्ष रखेगा
मोदी और जॉनसन के बीच यूक्रेन युद्ध पर भी बातचीत होगी। भारत अपना पक्ष रखेगा। पश्चिमी देश इस युद्ध में भारत को अपने साथ खड़े देखना चाहते हैं। जबकि भारत तटस्थ रुख अपनाए हुए है, लेकिन कई पश्चिमी देशों के नेताओं के साथ बैठक के माध्यम से भारत ने शांति के पक्ष में आवाज उठाई है।
एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि मोदी-जॉनसन की मीटिंग में इंडो-पैसिफिक भी मुख्य मुद्दा रहेगा। ब्रिटेन इस इलाके में किसी भी तरह की जबरदस्ती का कड़ा विरोध करता है। दूसरी तरफ भारत इस रीजन को सभी के लिए खुला रखने का हिमायती है।
ब्रेग्जिट के बाद भारत के साथ आर्थिक अवसरों की तलाश
ब्रिटेन यूरोपीय संघ (ईयू) से नाता तोड़ चुका है। अब भारत के साथ ट्रेड से जॉनसन अपने देश में महंगाई कम करने के लिए उपभोक्ता वस्तुओं के क्षेत्र में सहयोग की उम्मीद लेकर आ रहे हैं। ग्रीन टेक्नोलॉजी और हाई स्किल वाली नौकरियों के अवसर पैदा करने पर भी दोनों देशों की निगाह है। साथ ही ब्रिटेन में 53 हजार से अधिक भारतीय छात्र हैं। ब्रिटेन के साथ नॉलेज शेयरिंग पार्टनरशिप जॉनसन यात्रा का अहम एजेंडा है।
साइबर सिक्योरिटी को लेकर भी बड़ी पहल होगी
जॉनसन के दौरे में दोनों देशों के बीच साइबर सिक्योरिटी का बड़ा तंत्र विकसित किया जाएगा। दोनों देश एक संयुक्त साइबर सिक्योरिटी प्रोग्राम शुरू करेंगे। इसके तहत भारत और ब्रिटेन साइबर क्रिमिनल्स और रैनसम वेयर के हमलों से मिलकर निपटेंगे। इसके अलावा पहला सामरिक टैक डायलॉग भी शुरू होगा। जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के बाद भारत पांचवा देश है, जिसके साथ ब्रिटेन व्यापक सामरिक समझौता करने जा रहा है।