तीसरी लहर से बचने कोरोना मरीजों के लिए बढ़ा सकते हैं 90 बेड
कोरोना संक्रमण के नए वेरिएंट से निपटने के लिए शासन ने स्वास्थ्य विभाग को फीवर क्लीनिक में रोजाना 1500 मरीजों की जांच का टारगेट दिया गया है। इसके विपरीत अभी यहां रोजाना औसतन 700 से 800 मरीजों की जांच ही की जा रही है। टारगेट की तुलना में 50 फीसदी तक जांच कम हो रही है। एक बार फिर से कोरोना संक्रमण बढ़ने की आशंका के मद्देनजर विदिशा के शासकीय अटलबिहारी वाजपेयी मेडिकल कालेज में भी तैयारियां शुरू हो गई हैं। मेडिकल कालेज में 30 बेड का आईसीयू रिजर्व कर दिया गया है।
यहां 10 से 15 मरीज तत्काल भर्ती किए जा सकते हैं। मरीजों की संख्या बढ़ने पर बेड और बढ़ाएं जा सकते हैं। यहां तक की यदि मरीजों की संख्या पहले जैसे ज्यादा बढ़ गई तो मेडिकल कालेज की नार्मल ओपीडी को भी बंद किया जा सकता है। विदिशा मेडिकल कालेज में 15 अगस्त के बाद सेकंड फ्लोर पर पीआईसीयू यानी पीकू वार्ड शुरू किया गया था।
इसमें 28 दिन से ऊपर के गंभीर बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जाता है। इसी प्रकार 13 नवंबर से एनआईसीयू यानी नीकू वार्ड शुरू किया गया है। इसमें जन्म से लेकर 28 दिन तक के बच्चों का इलाज किया जा रहा है। पीकू अभी 15 बेड का वार्ड है और नीकू 25 बेड का वार्ड बना है। यदि कोरोना संक्रमण बढ़ता है और मरीज ज्यादा आएंगे तो पीडियाट्रिक्स इंटेसिव केयर यूनिट यानी पीकू और न्यूनेटल इंटेसिव केयर यूनिट नीकू को बंद कर कोविड वार्ड में बदला जा सकता है।
फीवर क्लीनिक में रोजाना टारगेट 1500 का लेकिन 50% कम हो रही मरीजों की जांच
1100 रेपिड और 400 आरटीपीसीआर टेस्ट बहुत ही जरूरी
शासन की नई गाइड लाइन के मुताबिक 1100 रेपिड एंटीजन टेस्ट और 400 आरटीपीसीआर टेस्ट करना जरूरी है लेकिन अभी यहां ऐसा नहीं हो रहा है। फीवर क्लीनिक में आने वाले 700 से लेकर 800 तक मरीजों की जांच रोजाना की जा रही है। इसमें 100 से 150 आरटीपीसीआर और 550 से 650 तक रेपिड एंटीजन टेस्ट किए जा रहे हैं। इससे शासन का टारगेट पूरा नहीं हो पा रहा है।
जिला मुख्यालय में मेडिकल कालेज और तहसील मुख्यालयों में सभी 7 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जो फीवर क्लीनिक बनाए गए हैं, वहां सर्दी, बुखार के मरीजों की जांच की जा रही है। जिला अस्पताल में अभी फीवर क्लीनिक नहीं चल रही है।
नए प्लांट से 12 फीसदी कम मिल रही है आक्सीजन
विदिशा जिला अस्पताल में 1000 लीटर पर मिनट की क्षमता का आक्सीजन प्लांट लगाया गया है लेकिन इससे केवल 88 प्रतिशत क्षमता के साथ ही आक्सीजन मिल रही है। यानी 12 प्रतिशत आक्सीजन कम मिल रही है। इसके अलावा गंजबासौदा में 500 और सिरोंज के अस्पताल में 250 एलपीएम क्षमता का प्लांट चालू किया गया है। आक्सीजन कांस्ट्रेटर और आक्सोमीटर जैसे उपकरण भी मंगाए गए हैं।
57 वेंटीलेटर चालू लेकिन 10 भोपाल से नहीं आए वापस
विदिशा मेडिकल कालेज में 57 वेंटीलेटर चालू हालत में हैं। बच्चों के लिए 20 वेंटीलेटर मंगाए गए थे लेकिन उसमें से 10 वेंटीलेटर इमरजेंसी में भोपाल मंगाए गए थे लेकिन अभी तक वहां से वापस नहीं भेजे गए हैं।
2 लाख 75 हजार लोग सेकंड डोज से छूटे
जिला टीकाकरण अधिकारी डा.डीके शर्मा ने बताया कि अब तक जिले में 9 लाख 84 हजार 634 लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पहला डोज लगाया जा चुका है। इसके अलावा 5 लाख 91 हजार 41 लोगों ने सेकंड डोज लगवाया है। इसके बाद भी 2 लाख 75 हजार 996 लोगों ने सेकंड डोज और 62465 लोगों ने पहला डोज नहीं लगवाया है।
- कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए फिलहाल 30 बेड का आईसीयू रिजर्व किया गया है। जरूरत पड़ने पर इसकी संख्या 90 बेड तक बढ़ा सकते हैं। यदि संक्रमण बढ़ता है तो नार्मल ओपीडी को बंद करके कोविड मरीजों की जांच की जाएगी। अभी तक हमारे पास सभी चिकित्सा उपकरणों की संख्या पर्याप्त है। – डा.सुनील नंदीश्वर, डीन मेडिकल कालेज
फीवर के मरीज कम आने से टारगेट में आई है कमी
- शासन की ओर से विदिशा में रोजाना 1500 मरीजों की जांच का टारगेट रखा गया है। इसके विपरीत अभी रोजाना औसतन 700 से 800 मरीजों की जांच की जा रही है। जल्द ही जांच की संख्या और बढ़ाई जाएगी। जिला अस्पताल के नए प्लांट से अभी 88 प्रतिशत आक्सीजन मिल रही है। इसको लेकर शासन को पत्र लिखा गया है। जल्द ही नए प्लांट से 1000 एलपीएम क्षमता से आक्सीजन मिलने लगेगी। संभावित तीसरी लहर से निपटने की अन्य तैयारियां भी की जा रही हैं। – डा.अखंडप्रताप सिंह, सीएमएचओ विदिशा