Sunday, September 28

सुविधा:जिले में 200 सीएम राइज स्कूलों को मंजूरी , पहले चरण में 7 ही होंगे विकसित

आने वाले दिनों में जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को निजी स्कूलों से भी कहीं बेहतर अत्याधुनिक सुविधाएं और अच्छा वातावरण मिलेगा। सरकारी स्तर की शिक्षा के ढांचे में यह बड़ा बदलाव प्रदेश सरकार सीएम राइज स्कूल के जरिए करने जा रही है। जिले में अब तक सीएम राइज स्कूल के लिए करीब 200 स्कूल एप्रूव्ड हुए हैं। सीएम राइज स्कूलों खोलने के लिए शिक्षकों का चयन किया जा रहा है।

रविवार को जिले में शिक्षकों की चयन परीक्षा हुई। जिला मुख्यालय पर बनाए गए दो केंद्रों पर यह परीक्षा हुई। इस चयन परीक्षा में कुल 895 शिक्षक दर्ज थे, जिनमें से 719 शिक्षक उपस्थित रहे। जबकि 176 अनुपस्थित रहे। सीएम राइज स्कूल खोलने का मुख्य उद्देश्य बच्चों का ज्ञान, कौशल बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें भारतीय संस्कृति और संस्कारों की शिक्षा दी जाना है।

जिला स्तर सहित विकासखंड, संकुल और ग्रामों के समूह स्तरों पर ये सीएम राइज स्कूल प्रस्तावित हैं। जिला स्तर खोले जाने वाले प्रत्येक स्कूल में 2000 से 3000 विद्यार्थी होंगे। विकास खंड स्तरीय हर स्कूल में 1500 से 2000 विद्यार्थी, संकुल स्तरीय प्रत्येक स्कूल में 1000 से 1500 विद्यार्थी और ग्रामों के समूह स्तर पर प्रत्येक सीएम राइज स्कूल में 800 से 1000 विद्यार्थी रहेंगे।

जिले में सीएम राइज स्कूल खोलने की तैयारी को लेकर रविवार को शिक्षकों की हुई चयन परीक्षा

दो महीने में शुरू होगा काम
जिला शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार मुदगिल ने बताया कि जिले में 200 स्कूलों को सीएम राइज के लिए एप्रूव्ड हो चुके हैं। इनमें से पहले चरण में हर ब्लाक में एक-एक स्कूल याने 7 स्कूलों को विकसित किया जा रहा है। इनमें विदिशा का बरईपुरा हायर सेकंडरी स्कूल, बासौदा में राजेंद्र नगर स्थित शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल सहित अन्य सभी ब्लाक में संचालित एक्सीलेंस स्कूलों को सीएम राइस स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। एक दो महीने के भीतर काम भी शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि जिले में ज्यादातर शासकीय स्कूलों का लैंड एरिया कम है। सीएम राइज स्कूल के लिए कम से कम तीन से चार एकड़ जमीन की आवश्यकता है।

नर्सरी से 12वीं तक की कक्षाएं लगेंगी, बच्चों को परिवहन सुविधा भी मिलेगी
सीएम राइज विद्यालयों की 8 प्रमुख विशेषताएं होंगी। इन स्कूलों में बेहतर अधोसंरचना होगी। इसके अलावा बच्चों को घर से स्कूल और स्कूल से घर तक लाने-जाने के लिए सरकार बस और वैन की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा निजी स्कूलों की तर्ज पर नर्सरी, केजी कक्षाएं भी संचालित होंगी। पर्याप्त शिक्षक एवं अन्य स्टाफ रहेगा। इसके अलावा स्कूल में स्मार्ट क्लास एवं डिजिटल लर्निंग, सुसज्जित प्रयोगशालाएं एवं पुस्तकालय, व्यावसायिक शिक्षा की सुविधा भी रहेगी। इसके अलावा अभिभावकों की भी सहभागिता ली जाएगी।

स्कूल में स्वीमिंग पूल, जिम, कैफेटेरिया जैसी विश्वस्तरीय सुविधाएं होंगी
सीएम राइज विद्यालयों को केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर खोला जाना है। यहां हिंदी-अंग्रेजी दोनों माध्यम में संचालित होने वाले ये स्कूल विश्वस्तरीय सुविधाओं (स्वीमिंग पूल) बैंकिंग काउंटर, डिजिटल स्टूडियो, कैफेटेरिया, जिम, थिंकिंग एरिया से लैस होते हैं। इन स्कूलों में 15 से 20 किमी की परिधि में रहने वाले बच्चे पढ़ेंगे। इन स्कूलों में स्टॉफ के लिए रेसिडेंशियल क्वार्टर और और विद्यार्थियों के लिए होस्टल सुविधा भी होगी।