Thursday, October 2

ड्रोन से बनाया मैप:बैरसिया के 240 और हुजूर के 189 गांवों के 17 हजार लोगों को मिलेंगे अधिकार-पत्र

जिले के 437 गांवों में लोगों को जमीन का मालिकाना हक देने का काम पूरा हो गया है। बैरसिया के 240 और हुजूर के 189 गांवों के करीब 17 हजार लोगों को अधिकार पत्र दिए जा रहे हैं। जिसके तहत जिले के 202 गांवों में आबादी सर्वे का काम पूरा हो गया है, जिसमें तहसील कोलार-10 ग्राम, तहसील हुजूर-09 ग्राम और तहसील बैरसिया के 181 गांव शामिल हैं।

बुधवार को बैरसिया में कार्यक्रम आयोजित कर एक दर्जन लोगों को अधिकार पत्र देकर इसकी शुरुआत की गई। आवासीय भूमि पर जिन लोगों के मकान बने हैं, उन्हें मालिकाना हक दिया जा रहा है, जिसके लिए गांवों में ड्रोन से मैप बनाया है। किस आदमी का घर कहां पर है, इसका रिकाॅर्ड भी जुटाया गया है। जिसके आधार पर संबंधित व्यक्ति को अधिकार पत्र दिया जाना है।

इस अधिकार पत्र को सरकारी रिकाॅर्ड में भी दर्ज किया जाएगा, जिससे मकान में रहने वाले व्यक्ति को मकान का मालिकाना हक मिल जाएगा। इस अवसर पर सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि अधिकार अभिलेख मिलने से बैंकों से लोन लेकर खुद का रोजगार भी कर सकेंगे। विधायक विष्णु खत्री ने कहा कि सर्वे के बाद योजना बनाकर गांव का विकास किया जाना चाहिए।

अब लगा कि खुद का मकान है

कार्यक्रम में जिन लोगों को मकान के अधिकार पत्र दिए हैं वे खुश नजर आए। खजूरिया रामदास से आए मन्नू, रणधीर दांगी, माधौसिंह दांगी, गोलू सिंह ने बताया कि अधिकार पत्र मिलने के बाद ऐसा लग रहा है कि अब खुद का मकान मिल गया है। अब तक हमारे पास सिर्फ गांव में लिखा-पढ़ी ही थी, जिसको सरकारी काम में मान्यता नहीं रहती थी। देवलखेड़ा के नंदकिशोर साहू ने बताया कि अब मकानों का बंटवारा और मॉडगेज भी बैंक में किया जा सकेगा।

सर्वे के दौरान 25 सितंबर 2018 तक बने मकान ही हुए शामिल

आबादी क्षेत्र में सर्वे के दौरान सिर्फ गांव की आबादी को आधार बनाया है, जिसके तहत 25 सितंबर 2018 तक बनाए मकानों को ही सर्वे में शामिल किया है। बाद में बनाए मकान अतिक्रमण की श्रेणी में रहेंगे। गांव की आबादी के बाहर अगर किसी ने अतिक्रमण किया है, तो वह भी अतिक्रमण की श्रेणी में ही रहेगा।

पहली बार 200 लोगों को सर्वे के बाद दिए गए अधिकार-पत्र

पहली बार जमीन का मालिकाना हक देने के लिए सर्वे कराया गया था। बुधवार को 200 लोगों को अधिकार पत्र बांटे गए हैं।
अविनाश लवानिया, कलेक्टर