Monday, September 29

भवानीपुर में राष्ट्रीय मुद्दे हावी:पश्चिम बंगाल उपचुनाव में किसान आंदोलन का मुद्दा उठा रहीं ममता बनर्जी, भाजपा चुनावी हिंसा का

कोलकाता के भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए 30 सितंबर को मतदान होगा। है। यहां तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी का मुकाबला भाजपा की प्रियंका टिबरेवाल से है। ममता को मुख्यमंत्री के रूप में बने रहने के लिए संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप 5 नवंबर तक विधानसभा में एक सीट जीतनी होगी। तृणमूल ने भवानीपुर को अपनी बेटी चाहिए’ कैंपेन चलाया तो भाजपा चुनाव बाद हिंसा का मु्द्दा उठाती रही।

प्रचार के अंतिम दिनों तक दोनों दल के प्रत्याशी मंदिर और गुरुद्वारे में माथा टेकते रहे। TMC के महासचिव पार्थ चटर्जी कहते हैं कि हमारा लक्ष्य रिकॉर्ड अंतर से जीत सुनिश्चित करना है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा के लिए भवानीपुर की लड़ाई सीट जीतने से ज्यादा अपने 35% वोट शेयर को बरकरार रखने की है।

कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती तृणमूल-भाजपा
TMC ने भवानीपुर विधानसभा सीट भले ही 28 हजार मतों के अधिक अंतर से जीती थी और ममता बनर्जी दो बार (2011 और 2016) यहां से विधायक रह चुकी हैं, लेकिन पार्टी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसकी वजह यह है कि 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने वार्ड 70 और 74 में बड़ी जीत हासिल की थी। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भी भाजपा ने इस विधानसभा में लीड हासिल की थी।

भवानीपुर में 34% आबादी गैर बंगाली हिंदुओं की
भवानीपुर की विविधतापूर्ण आबादी के लिए मिनी इंडिया कहा जाता है। इस विधानसभा में सिखों का सबसे पुराना घर है। सिख परिवारों के अलावा यहां गुजराती, उड़िया मारवाड़ी, पंजाबी, बिहारी, बंगाली बड़ी तादाद में रहते हैं। कुल मतदाता करीब 2.31 लाख हैं। इसमें आठ वार्ड हैं, जिनमें से दो में बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी है। कुल वोटर में 20% मुस्लिम आबादी है। सिख और गैर-बंगाली भाषी आबादी 34% हैं। 8 निकाय वार्डों में से तीन में गैर-बंगाली भाषी हिंदुओं की संख्या आधी है।