
कोरोना की तीसरी लहर के खतरे की आशंका के बीच अब प्रदेश में डेंगू के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। प्रदेश में पिछले साल की तुलना में इस बार 4 गुना 395 डेंगू मरीज मिले हैं। चिकनगुनिया के 40 मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उज्जैन संभाग के जिलों में ही सामान्य से ज्यादा मरीज मिले है, जहां डेंगू की रोकथाम के लिए कदम उठाए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग को जनवरी 2021 से अगस्त 2021 के बीच करीब 4 हजार जांच में 395 डेंगू के मामले मिले हैं। इसमें सबसे ज्यादा मंदसौर में 86, रतलाम में 63, जबलपुर में 62, भोपाल में 43, छिदवाड़ा में 29 और रीवा में 11 डेंगू मरीज मिले है। हालांकि पिछले साल इस दौरान सिर्फ 105 डेंगू मरीज मिले थे। जिलों में डेंगू मामले बढ़ने पर स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लग रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि डेंगू का पैटर्न बारिश पर ज्यादा निर्भर करता है। पानी थमने से मच्छरों को पनपने का मौका मिल जाता है। बारिश के मौसम में जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में डेंगू की जांच तेज कर दी जाती है। मरीज भी इसी दौरान मिलते हैं। पिछले साल कोरोना के लॉकडाउन के कारण लोग घर पर ही रहे। मच्छरों को पनपने का उपयुक्त मौसम भी नहीं मिल पाना भी एक कारण है।
चार शहरों में मिलते हैं ज्यादा केस
सबसे ज्यादा मामले भोपाल, जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर से आते है। इस साल छिदवाड़ा, रतलाम, मंदसौर में मामले सामान्य से ज्यादा आए है। स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डॉयरेक्टर हिमांशु जसवार का कहना है कि सामान्य से ज्यादा मामले मिलने वाले जिलों में टेस्टिंग बढ़ाने के साथ ही मॉनीटरिंग बढ़ाई गई है।
बुखार आने पर कराएं जांच
डॉ. जसवार ने कहा कि यदि किसी को ठंड लगकर बुखार आ रहा है। मासपेशियों और आंखों के पीछे दर्द हो रहा है तो उन्हें 24 घंटे में डेंगू की जांच कराना चाहिए। भोपाल में जय प्रकाश अस्पताल, हमीदिया, BHMRC, AIIMS और बैरागढ़ सिविल अस्पताल में मुफ्त जांच की सुविधा है। इसके अलावा सभी जिलों के जिला अस्पताल में भी मुफ्त जांच की सुविधा है।
इन बातों का रखे ख्याल
- अपने आसपास की जगहों को साफ करके रखने से आप मच्छरों को आसानी से दूर रख सकते हैं।
- किसी जगह रुके हुए पानी में मच्छर पनप सकते हैं और इसी से डेंगू भी फैल सकता है।
- जिन बर्तनों का लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं होना हो उनमें रखे हुए पानी को नियमित रूप से बदलते रहें।
- गमलों के पानी को हर हफ्ते बदलते रहें।