
मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल में बाढ़ से हालात बेकाबू हो गए हैं। अभी तक 7 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, 25 लोग लापता हैं। जिनकी तलाश रेस्क्यू टीम कर रही हैं। नदियों के किनारे फंसे गांव से 1900 लोगों को बचाया गया है। दतिया में बड़ी आबादी वाले कस्बे सेंवढ़ा को बाढ़ के खतरे के कारण खाली करा लिया गया है। शिवपुरी के 100 से ज्यादा गांव खाली करवाए गए हैं। मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया का कहना है कि करीब 2 हजार लोग शिवपुरी में फंसे हुए हैं। पूरे अंचल में बाढ़ का केन्द्र शिवपुरी बना हुआ है।
इसके अलावा ग्वालियर-चंबल अंचल में 2000 से ज्यादा लोग प्रशासन से मदद की आस लगाए बैठे हैं। मंगलवार रात से ही सेना के 4 अलग-अलग दलों ने मोर्चा संभाल लिया है। CM ने भी कहा है कि संकट बहुत बड़ा है और सेना की मदद ले रहे हैं। बता दें मुख्यमंत्री आज 11 बजे चंबल क्षेत्र का हवाई सर्वे भी करेंगे। बुधवार 11 बजे CM शिवराज सिंह भोपाल से ग्वालियर पहुंच रहे हैं। यहां ग्वालियर एयरपोर्ट से हेलिकॉप्टर से वह श्योपुर-शिवपुरी में एरियल सर्वे करेंगे। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो बार मुख्यमंत्री से चर्चा का हालात पर बात कर चुके हैं। आधी रात तक मुख्यमंत्री अफसरों से हालात पर बैठक की।
एक सप्ताह से लगातार बारिश और बांधों के ओवरफ्लो होने के बाद नदियों में छोड़े गए पानी ने ग्वालियर-चंबल अंचल में हालात काबू से बाहर हो गए हैं। सबसे ज्यादा शिवपुरी, श्योपुर, दतिया और ग्वालियर जिले प्रभावित हुए हैं। शिवपुरी के करैरा, पोहरी विधानसभा के 100 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं। ग्वालियर के शिवपुरी से लगे भितरवार और मोहना में भी स्थिति खराब है। सिंध, पार्वती, कूनो, नोन नदियों के किनारे बसे कई गांव पानी में डूब गए हैं।
कहां क्या हालात
शिवपुरी: 1600 लोग अब भी फंसे
यहां करीब 1600 से ज्यादा लोग अभी भी राहत की उम्मीद में यहां-वहां फंसे हुए हैं। करीब एक सैकड़ा से ज्यादा गांव पानी के कारण खाली करा लिए गए हैं। यहां 4 लोगों के मरने की पुष्टि की गई है। करीब 25 लोग लापता हैं, जिनका अभी तक कुछ पता नहीं है। कई गांव के गांव डूब गए हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों जैसे मैरिज गार्डन, शासकीय स्कूल में राहत कैंप बनाकर मदद की जा रही है। सबसे ज्यादा हालत शिवपुरी में खराब है। यहां के हालातों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सीधी नजर है। मंगलवार-बुधवार दरमियानी रात मुख्यमंत्री लगातार चारों शहरों के कलेक्टर, संभागीय आयुक्त और आईजी से चर्चा कर पल-पल की अपडेट लेते रहे हैं
श्योपुर: एक-एक मंजिल तक पानी में डूबी
श्योपुर में 4 दिन से बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। बांवदा नाला उफान पर आने के बाद श्योपुर शहर का संपर्क कराहल से कट चुका है। सीप नदी में उफान के बाद बाद सोईकला, मानपुर, सवाई माधौपुर, रूट से भी संपर्क टूट गया है। क्वारी नदी के किनारे इकलौद गांव में फंसे 9 लोगों को पास के एक अन्य गांव में फंसे 25 लोगों को प्रशासन ने बाहर निकाला है। रघुनाथ पुर में तालाब फटने से 3 गांव जलमग्न हो गए हैं और यहा के 150 लोगों को प्रशासन ने तत्काल सुरक्षित स्थान पर पहुंचाकर गांव खाली कराया है।
दतिया: सेंवढ़ा कस्बे को खाली कराया जा रहा है
यहां सिंध नदी के उफान ने तबाही मचा रखी है। गोराघाट के पास सिंध नदी पर बना लांच का पुल बह गया है। यहां करीब 18 फीट पानी बह रहा है। इसी तहर रतनगढ़ मंदिर के पास का पुल भी पानी में डूब गया है। करीब 50 गांवों में लोग फंसे हुए हैं। जिले के सबसे बड़े कस्बे सेंवढ़ा को खाली कराया जा रहा है।
कहां कितनी बारिश?
- शिवपुरी: 470 MM
- गुना: 270 MM
- श्योपुर: 215 MM
- अशोक नगर: 180 MM
- मुरैना: 80 MM
- ग्वालियर: 72 MM
बदरवास के घुरवार से रेस्क्यू किए 20 लोग
शिवपुरी के बदरवास के घुरवार गांव के पास सिंध नदी के किनारे खेतों पर रह रहे कुछ परिवार एक तरफ नदी से और दूसरी तरफ नाले के बीच फंस गए थे। इन परिवारों के करीब 20 लोगों को 48 घंटे बाद मंगलवार शाम NDRF की टीम ने नाव से रेस्क्यू कर लिया। रेस्क्यू किए गए लोगों को घुरवार के स्कूल में ठहराया गया है।