Wednesday, September 24

ट्रेन लूटपाट की सूचना पर प्रशासन सख्त:छपरा-लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस में हथियारबंद बदमाशों के लूटपाट करने की सूचना पर विदिशा स्टेशन पर 45 मिनट ट्रेन को रोका, 50 जवानों ने की सर्चिंग

बिहार के छपरा से लोकमान्य तिलक के बीच चलने वाली 05101 एक्सप्रेस में चार-पांच हथियारबंद बदमाशों के घुसने और लोगों के साथ लूटपाट करने की सूचना भोपाल कंट्रोल रूम को मिली थी। यह भी सूचना थी कि बदमाशों की वजह से लोग दहशत में हैं। इसके बाद बुधवार शाम को 6.06 बजे विदिशा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 4 पर ट्रेन को रोका गया।

एडिशनल एसपी संजय साहू, सीएसपी विकास पांडे, कोतवाली थाना प्रभारी वीरेंद्र झा सहित आरपीएफ, जीआरपी, सिविल लाइंस थाने का बल रेलवे स्टेशन पर पहुंचा। ट्रेन के रुकते ही करीब 50 जवानों ने सर्चिंग शुरू की। ट्रेन के एक-एक कोच में जवान पहुंचे और यात्रियों से पूछताछ की लेकिन किसी ने कोई जानकारी नहीं दी। इस दौरान काफी संख्या में बंदूकधारी जवान भी स्टेशन पर तैनात थे। 45 मिनट तक ट्रेन के हर कोच में पड़ताल की गई। हालांकि कोई बड़ा मामला सामने नहीं आया। कंट्रोल रूम को जो सूचना दी गई थी वह पूरी तरफ गलत निकली।

जांच में पता चला कि गुटखा बेचने वालों ने आपस में किया था विवाद, दहशत में लोगों ने भोपाल कंट्रोल रूम को दी थी झूठी सूचना

45 मिनट तक दहशत में रहे यात्री, 7 बार हुई चेन पुलिंग
इस ट्रेन का झांसी बाद भोपाल में ही स्टापेज है लेकिन झांसी से विदिशा के बीच 7 बार ट्रेन रुकी। चेन पुलिंग के बाद ट्रेन में सफर करने वाले मुसाफिर अचानक दहशत में आ गए। जैसे ही ट्रेन विदिशा प्लेटफार्म पर पहुंची तो यात्रियों ने राहत की सांस ली। पुलिस फोर्स ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए ट्रेन के हर कोच की टायलेट की बारीकी से तलाशी ली। एक बोगी में करीब 4 पुलिसकर्मी जांच और पूछताछ करते नजर आए।

गुटखा बेचने वाले नशे में कर रहे थे झगड़ा
सर्चिंग के दौरान पता चला कि ट्रेन में बीना के आसपास गुटखा बेचने युवक नशे में थे। यही आपस में झगड़ा कर रहे थे। सर्चिंग के दौरान इन युवकों को पुलिस ने पकड़ा लेकिन बदमाशों की जानकारी किसी ने नहीं दी। एडिशनल एसपी संजय साहू ने बताया कि भोपाल कंट्रोल रूम से उनके पास सूचना आई थी की कुछ हथियारबंद ट्रेन में लूटपाट कर रहे हैं। जानकारी लगते ही बड़ी संख्या में बल स्टेशन पर तैनात किया था।

पहले हमने ट्रेन को गुलाबगंज में रोकने की कोशिश की, तब वहां से ट्रेन निकल आई थी। सौराई स्टेशन पर भी जांच करने की कोशिश की गई। फिर यह तय किया गया कि विदिशा में सर्चिंग किया जाए। एक-एक कोच में जाकर तलाशी ली लेकिन किसी ने लूटपाट की कोई जानकारी नहीं दी। दो लड़कों की अवश्य लड़ाई की सूचना एक कोच में थी। सुरक्षा के आधार पर हमने यहां से जीआरपी, आरपीएफ और अपने पुलिस के जवान ट्रेन के कोच के साथ भोपाल तक भेजे हैं।