Wednesday, September 24

आपरेशन:कूल्हा टूटने से एक साल से घिसटकर चल रही बुजुर्ग महिला का फ्री में प्रत्यारोपण, 12 दिन के बाद वाकर के सहारे चलने लगी

पहला सफल ऑपरेशन}प्रत्यारोपण में खर्च होते हैं 2 लाख, डॉक्टरों ने आयुष्मान कार्ड बनवाकर की मदद
ग्राम बिलौरी निवासी एक बुजुर्ग महिला मालतीबाई पत्नी तुलसीराम का एक साल पहले एक्सीडेंट में दाहिनी ओर का कूल्हा टूट गया था। इस कारण वह महिला अपने पैरों के सहारे चल नहीं पा रही थी। वह कम जरूरी कामों के लिए घिसट-घिसटकर चल रही थी। इस परेशानी के इलाज के लिए वह विदिशा जिला चिकित्सालय आई थी। यहां डा.अतुल वाष्र्णेय, डा.धर्मेंद्र रघुवंशी, संजय संजय उपाध्याय की टीम ने सिविल सर्जन डा.संजय खरे की देखरेख में महिला का इलाज शुरू किया। जांच में पता चला कि महिला का एक कूल्हा टूटा हुआ है। कूल्हा प्रत्यारोपण से ही उसका इलाज हो सकता है। लेकिन उसकी माली हालत भी खराब थी। इस कारण वह प्राइवेट हास्पिटल में भी इलाज नहीं करवा सकती थी। उसमें करीब 2 लाख रुपए का खर्च आता। इस पर डाक्टरों ने उससे केंद्र सरकार की योजना के मुताबिक बनने वाले आयुष्मान कार्ड की जानकारी ली। कार्ड नहीं होने पर उसका आयुष्मान कार्ड बनवाया गया। बाद में जिला अस्पताल के डाक्टरों ने रिस्क लेकर सरकारी अस्पताल में ही 4 जनवरी को पहली बार उसके कूल्हे का सफल आपरेशन किया। इस आपरेशन में करीब 2 घंटे का समय लगा। आपरेशन के करीब 12 दिन बाद शुक्रवार को उस महिला को वाकर के सहारे चलवाया गया। कुछ दिन बाद मालतीबाई फिर से अपने पैरों के सहारे चल सकेगी। कलेक्टर डा.पंकज जैन ने शुक्रवार को दोपहर अस्पताल पहुंचकर गुलदस्ता भेंट करते हुए महिला की कुशलक्षेम पूछी और डाक्टरों की टीम का हौसला बढ़ाया। आपरेशन करने वाले डा.धर्मेंद रघुवंशी ने बताया कि करीब एक महीने पहले इस महिला को गांव वालो अस्पताल में छोड़ गए थे। इसके बाद यहां उसका इलाज शुरू किया गया। उसके कूल्हे की हड्डी टूटकर अंदर धंस गई थी।