
चिरायु मेडिकल कॉलेज पर पीएमटी-2011 में सरकारी कोटे की 39 एमबीबीएस सीटें बेचने का आरोप
व्यापमं महाघोटाले से जुड़ी पीएमटी-2011 में चिरायु मेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ. अजय गोयनका सहित 57 लोगों के खिलाफ सीबीआई गुरुवार को नई चार्जशीट पेश करेगी। चार्जशीट में चिरायु मेडिकल कॉलेज पर वर्ष 2011 में सरकारी कोटे की 39 सीटों को 50 लाख रुपए तक में बेचने के आरोप लगाए गए हैं।
चिरायु मेडिकल कॉलेज ने सरकारी कोटे की सीटों पर पहले डमी एडमिशन दिए, फिर इन सीटों को चहेते लोगों को बेच दिया गया। इस पूरे खेल में चिरायु मेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ. गोयनका सहित मेडिकल एजुकेशन के तत्कालीन अफसर भी शामिल थे। इस मामले में पहले 3 लोगों पर चार्जशीट हो चुकी है। सीबीआई की जांच आगे बढ़ी तो इसमें 57 और नए नाम सामने आए हैं।
सीबीआई गुरुवार को ग्वालियर की स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट पेश करेगी
ग्वालियर के झांसी रोड थाने में दर्ज इस केस की जांच में सीबीआई की जांच में पता चला कि मेडिकल एजुकेशन के तत्कालीन अफसरों को भी चिरायु प्रबंधन के इस फर्जीवाड़े की जानकारी थी लेकिन उन्होंने जानबूझकर इसे नजरअंदाज कर दिया। मेडिकल एजुकेशन के अधिकारियों को यह देखना था कि जो लोग पहले से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं, वे दोबारा कैसे एडमिशन ले सकते हैं।
यह सबकुछ आपसी सांठगांठ से चलता रहा। यही वजह है कि मेडिकल एजुकेशन के अफसरों और चिरायु मेडिकल कॉलेज की एडमिशन कमेटी के डॉक्टर्स भी आरोपी बनाए गए हैं। इससे पहले पीएमटी 2012 में गड़बड़ी के आरोप में भी डॉ. गोयनका जेल जा चुके हैं। नई चार्जशीट में अपना नाम होने पर डॉ. गोयनका सहित 10 अन्य आरोपियों ने अग्रिम जमानत अर्जी पेश की थी, लेकिन कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी है।
ऐसे करते थे तिकड़म: अंतिम तारीख तक सीटें फुल दिखाते, फिर मुंहमांगे दाम पर एडमिशन देते
निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के सरकारी कोटे की 63 सीटें होती हैं। काउंसलिंग के दौरान उम्मीदवार च्वाइस फीलिंग में ये अपनी पसंद के कॉलेज में सीटें बुक करते हैं। काउंसलिंग तीन चरण में होती थी।
सरकारी कोटे की इन सीटों पर चिरायु प्रबंधन ने पहले डमी एडमिशन दिए। यानी ऐसे छात्र जो पहले से ही एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे, उन्हें दोबारा पीएमटी दिलाकर उनसे चिरायु की सीटें बुक करवाईं। फिर आखिरी तारीख में ये सीटें खाली कर अपनी मर्जी के उम्मीदवारों को दाखिला दिया।