Wednesday, November 12

अब के देखियो निर्दलीय निपटाएंगे दोनोई दलों खौं….

विदिशा. नगरपालिका चुनाव की नामवापसी के साथ ही नगर और हर वार्ड की तस्वीर लगभग साफ हो गई है। कौन कौन प्रत्याशी मैदान में हैं, इसको लेकर अब जीत-हार और प्रत्याशियों के माइनस-प्लस, गुण-अवगुणों की चर्चा खूब होने लगी है। ऐसी चर्चाओं से अब नगर की चाय की दुकानें और चौराहे खूब चहक रहे हैं। माधवगंज पर बुधवार की शाम चाय की एक दुकान के सामने शहर के चंद लोगों की मौजूदगी और उसमें चाय पर चुनावी चर्चा बड़ी दिलचस्प रही। पांच-छह लोगों की इस चर्चा में और भी लोग जुड़ते गए और चाय पर चुनावी चर्चा को और जायकेदार बना दिया। आप भी लीजिए चाय पर इस चुनावी चर्चा का कुछ आनंद…।काय तुमाए वार्ड से भाजपा के का हाल हैं? का हाल हैं, वो हमाए वार्ड को हेई नहीं, निपटेंगे बे तो। और जोई हाल कांग्रेस को है, अच्छो प्रत्याशी उतारते तो चुनाव में कछु दम होतो। ऐसे में तो निर्दलीय ही निपटाएंगे दोनोई दलों खौं। सई भी है यार, जे दोई दलों के नेता गर्रा भी खूब रए हैं। कछु तो समझ में आने चइए। इसी बीच तीसरा व्यक्ति बातचीत में टपक पड़ता है-जा तो सई है, जा बेर दोनोई पार्टियों ने दमदार प्रत्याशी नई उतारे। भाजपा की तो गतई बिगड़ रई है, उते कांग्रेस खौं तो दो-तीन वार्ड में उम्मीदवारई नईं मिल रए थे। जोन मिलो बईए खड़ाे कर दओ। अब वार्ड 21 खौंई ले लो। जा वार्ड की तो खूबई फजीहत भई है। पहले कांग्रेस से आशा राजपूत को नाम चलो थो, भाजपा में कही कि रूपा जैन को टिकट होएगो। फिर दोनों को कट गओ। रामपाल को नाम हतो तो बिने भी टिकट नईं मिलो। टिकट मिलो तो कौन ए, सिद्धार्थ जैन के घरे। उते कांग्रेस से सुरेश पाल के घर से टिकट दे दओ। रामपाल ने खूबई कोशिश करी, लेकिन उने टिकट नईं मिलो। तो लड़ तो रओ है रामपाल चुनाव? हां, तो बो थोड़ेइ मान रओ है। तुमने फेसबुक पे नई देखो। बाने खूब गदर मचाई अपनी बात रखवे। और अब लड़ रओ है। अरे यार रामपाल नहीं लड़ रहा चुनाव। उसकी मिसेज लड़ रही है। हओ तो का फरक है, बो महिला वार्ड है, तो उनके घर से लड़ रई हैं। अब देखियाे का होत है। बैसे तो जा वार्ड में जैन वोट ज्यादा हैं, लेकिन जा बेर कछु कैं नहीं सकें। सबई जगे जोई चल रओ है, निर्दलीय बिगाड़हें सबके गणित, बन लो बेटा पार्षद…।