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टीकों की कमी, समय बढ़ा और डर भी:5 माह में 18 + की 10.37 लाख की आबादी में से 16.43 को पहला, 1.93 फीसदी को लगा दूसरा डोज
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टीकों की कमी, समय बढ़ा और डर भी:5 माह में 18 + की 10.37 लाख की आबादी में से 16.43 को पहला, 1.93 फीसदी को लगा दूसरा डोज

वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार, 18 से 45 आयु वर्ग वाले 666400 में से अभी 40312 ने पहला, 941 ने दूसरा डोज लगाया जिले में 16 जनवरी से हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर को टीका लगाने का काम शुरू हुआ था। उसके बाद 60 साल से अधिक और 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के टीकाकरण के बाद 18 प्लस की 10 लाख 37 हजार आबादी को टीका लगना शुरू हुआ। टीकाकरण शुरू हुए 5 महीने का समय पूरा हो रहा है। 12 जून तक 18 प्लस की 16.43% को सिर्फ पहला डोज ही लगा है। इनकी संख्या 170391 है। वहीं दूसरा डोज 20025 को यानी 1.93% ने ही दूसरा डोज लगवाया है। 18 प्लस वालों के लिए वैक्सीन की कमी है। 45 प्लस वालों की दूसरी डोज की सीमा 84 दिन की, 60 प्लस में पहला डोज लगाने के बाद दूसरा लगाने पर बीमार होने का डर है। 18 से 44 आयु वर्ग के 2 फीसदी से भी कम लोगों को लगा टीका18 से 44 वर्ष की आबादी जिले में 6,66,400 है जिसमें से सिर्फ 40,312...
इंदौर में ग्रीन फंगस की दस्तक:34 साल के मरीज को चार्टर प्लेन से मुंबई भेजा, हिंदुजा अस्पताल में होगा इलाज; डेढ़ महीने से चल रहा था इलाज, फेफड़ों में 90% संक्रमण
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इंदौर में ग्रीन फंगस की दस्तक:34 साल के मरीज को चार्टर प्लेन से मुंबई भेजा, हिंदुजा अस्पताल में होगा इलाज; डेढ़ महीने से चल रहा था इलाज, फेफड़ों में 90% संक्रमण

शहर में ब्लैक और व्हाइट फंगस के बाद अब ग्रीन फंगस ने दस्तक दे दी है। अरविंदो अस्पताल में इलाजरत माणिक बाग रोड निवासी 34 साल के विशाल श्रीधर में ग्रीन फंगस के लक्षण मिले हैं। विशाल को पहले कोरोना हुआ था। ठीक होने के बाद वह पोस्ट कोविड का मरीज हो गया। इलाज के दौरान उसके फेफड़ों और साइनस में एसपरजिल्स फंगस मिला। फेफड़ों में 90% संक्रमण होने के बाद सोमवार को विशाल को चार्टर प्लेन से मुंबई भेजा गया जहां उन्हें हिंदुजा अस्पताल में एडमिट कराया गया है। ​​​​​​​डॉक्टरों के मुताबिक, ब्लैक फंगस से यह ज्यादा खतरनाक है। डॉक्टरों ने बताया कि डेढ़ महीने पहले जब विशाल इलाज के लिए आया था तो उसके दाएं फेफड़े में मवाद भरा गया था। हमलोगों ने ने मवाद को निकाला और हर तरह से इलाज किया। लेकिन डेढ़ महीने तक चले इलाज के बाद मरीज में अलग-अलग लक्षण दिखाई दिए। उसका बुखार 103 डिग्री से कम नहीं हो रहा था। स्वास्थ्य मे...
ब्रिटिश वैज्ञानिकों का ग्राउंडब्रेकिंग इनोवेशन:कमरे में संक्रमित मौजूद है तो 15 मिनट में पता लगा लेगा कोविड अलार्म, RT-PCR और एंटीजन टेस्ट से ज्यादा सटीक
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ब्रिटिश वैज्ञानिकों का ग्राउंडब्रेकिंग इनोवेशन:कमरे में संक्रमित मौजूद है तो 15 मिनट में पता लगा लेगा कोविड अलार्म, RT-PCR और एंटीजन टेस्ट से ज्यादा सटीक

ब्रिटेन के वैज्ञानिकों को एक डिवाइस बनाने में सफलता हासिल की है, जो महज 15 मिनट में ही कमरे में कोरोना संक्रमण का पता लगा लेता है। बड़े रूम में 30 मिनट लगते हैं। कोरोना संक्रमितों की जानकारी देने वाली यह डिवाइस आने वाले समय में विमानों के केबिन, क्लासरूम, केयर सेंटरों, घरों और ऑफिस में स्क्रीनिंग के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। इसका नाम कोविड अलार्म रखा गया है। यह डिवाइस स्मोक अलार्म से थोड़ा बड़ा है। नतीजे 98% से 100% तक सटीकलंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन (LSHTM) और डरहम यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की इस रिसर्च के शुरुआती नतीजे उम्मीद जगाने वाले हैं। वैज्ञानिकों ने टेस्टिंग के दौरान दिखाया है कि डिवाइस में नतीजों की सटीकता का स्तर 98-100 फीसदी तक है। यह कोरोना के RT-PCR और एंटीजन टेस्ट की तुलना में कहीं ज्यादा सटीकता से कोरोना संक्रमितों के बारे में जानकारी दे रहा है। ...
कोरोना देश में:बीते दिन 59,958 केस आए, 2,732 मौतें और 1.17 लाख ठीक भी हुए; नए संक्रमितों का आंकड़ा पिछले 76 दिनों में सबसे कम
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कोरोना देश में:बीते दिन 59,958 केस आए, 2,732 मौतें और 1.17 लाख ठीक भी हुए; नए संक्रमितों का आंकड़ा पिछले 76 दिनों में सबसे कम

देश में सोमवार को कोरोना के 59,958 संक्रमितों की पहचान हुई। यह आंकड़ा पिछले 76 दिनों में सबसे कम है। इससे पहले 30 अप्रैल को 53,237 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। हालांकि, कोरोना से होने वाली मौतों ने अब भी चिंता बढ़ा रखी है। देश में पिछले 24 घंटे में 2,732 संक्रमितों ने जान गंवाई। हालांकि, थोड़ी राहत देने वाली बात यह है कि इस दौरान 1 लाख 17 हजार 232 लाख मरीज ठीक हो गए9ऋ। इस तरह एक्टिव केस यानी इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में 60,056 की कमी हुई। देश में कोरोना महामारी आंकड़ों में बीते 24 घंटे में कुल नए केस आए: 59,958बीते 24 घंटे में कुल ठीक हुए: 1.17 लाखबीते 24 घंटे में कुल मौतें: 2,732अब तक कुल संक्रमित हो चुके: 2.95 करोड़अब तक ठीक हुए: 2.82 करोड़अब तक कुल मौतें: 3.77 लाखअभी इलाज करा रहे मरीजों की कुल संख्या: 9.08 लाख 12 राज्यों में लॉक...
MP को मिले वैक्सीन के 8.37 लाख डोज:कोवैक्सिन के सिर्फ 2 लाख; दूसरा डोज लगाने वालों को परेशानी, पहला डोज सिर्फ कोवीशील्ड का लगेगा ; CM बोले- जुलाई में मिलेगी पर्याप्त वैक्सीन
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MP को मिले वैक्सीन के 8.37 लाख डोज:कोवैक्सिन के सिर्फ 2 लाख; दूसरा डोज लगाने वालों को परेशानी, पहला डोज सिर्फ कोवीशील्ड का लगेगा ; CM बोले- जुलाई में मिलेगी पर्याप्त वैक्सीन

मध्यप्रदेश में इस सप्ताह के लिए वैक्सीन का स्टॉक हो गया है, लेकिन कोवैक्सिन का दूसरा डोज लगवाने वालों के लिए मांग के हिसाब से वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पा रही है। रविवार को 8 लाख 37 हजार डोज मिले हैं। इसमें से कोवैक्सिन के सिर्फ 2 लाख डोज हैं। यही वजह है कि प्रदेश में पहला डोज कोवीशील्ड का लगाया जाएगा। इसके लिए ज्यादा सत्र आयोजित किए गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वैक्सीनेशन का नया रोडमैप बनाया जा रहा है। 18 से 44 साल तक के लोगों के लिए 21 जून से वैक्सीन केंद्र सरकार उपलब्ध कराएगी। इसके बाद जुलाई से प्रदेश को पर्याप्त डोज उपलब्ध हो जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर तैयारी कर रहा है। कोरोना की दूसरी लहर काबू में आने के बाद अब सरकार वैक्सीनेशन पर फोकस कर रही है। इसको लेकर मंत्रियों के साथ चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ाई में वैक्सीनेशन अत्यंत आवश्यक ...
कोरोना देश में:68,362 नए मरीज मिले और 1.13 लाख ठीक हुए, अब सिर्फ 9.72 लाख एक्टिव केस; यह पहले पीक से भी कम
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कोरोना देश में:68,362 नए मरीज मिले और 1.13 लाख ठीक हुए, अब सिर्फ 9.72 लाख एक्टिव केस; यह पहले पीक से भी कम

देश में कोरोना के केस में कमी का सिलसिला जारी है। रविवार को देश में 68,362 नए संक्रमितों की पहचान हुई। 1 लाख 13 हजार 3 मरीज ठीक हो गए, जबकि 3,880 लोगों की मौत हो गई। बीते 24 घंटे में एक्टिव केस, यानी इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में 48,593 की कमी आई। अब सिर्फ 9 लाख 72 हजार 577 मरीजों का इलाज चल रहा है। यह पिछले साल 17 सितंबर को आए पहले पीक से भी कम हैं। तब 10 लाख 17 हजार 705 एक्टिव केस थे। इसके बाद इनमें कमी होती गई। इस साल 17 फरवरी को एक्टिव केस 1 लाख 33 हजार 79 तक पहुंच गए। यहां से यह आंकड़ा दूसरे पीक की ओर बढ़ना शुरू हुआ। यह 9 मई को सबसे ज्यादा 37 लाख 41 हजार 302 तक पहुंचा, फिर इसमें गिरावट आने लगी। देश में कोरोना महामारी आंकड़ों में बीते 24 घंटे में कुल नए केस आए: 68,362बीते 24 घंटे में कुल ठीक हुए: 1.13 लाखबीते 24 घंटे में कुल मौतें: 3,380अब तक कुल संक्रमित हो...
कोरोना को लेकर नई चिंता:डेल्टा वैरिएंट अब और ज्यादा खतरनाक डेल्टा+ में बदला, इस पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज कॉकटेल का असर नहीं होने की आशंका
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कोरोना को लेकर नई चिंता:डेल्टा वैरिएंट अब और ज्यादा खतरनाक डेल्टा+ में बदला, इस पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज कॉकटेल का असर नहीं होने की आशंका

कोरोना की दूसरी लहर में देश में तबाही मचाने वाला डेल्टा वैरिएंट अब और ज्यादा खतरनाक डेल्टा+ में बदल गया है। वैज्ञानिकों को आशंका है कि कोरोना मरीजों को दी जा रही मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज कॉकटेल इस वैरिएंट पर बेअसर हो सकती है। अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया ने यह रिपोर्ट दी है। बता दें कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज कॉकटेल को देश में मई की शुरुआत में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी। टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटेन की स्वास्थ्य संस्था पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (PHE) के मुताबिक डेल्टा वैरिएंट के 63 जीनोम नए K417N म्यूटेशन के साथ सामने आए हैं। PHE के मुताबिक डेल्टा वैरिएंट में बदलावों की रुटीन जांच के दौरान डेल्टा+ का पता चला है। कोविड वैरिएंट्स पर PHE की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 7 जून तक डेल्टा+ वैरिएंट के 6 केस सामने आ चुके थे। दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एं...
इस साल मई में मप्र में 1.7 लाख मौतें:सीआरएस के सरकारी डेटा में मध्यप्रदेश में 2020 मई में 34 हजार और 2019 मई में 31 हजार मौतें दर्ज हैं
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इस साल मई में मप्र में 1.7 लाख मौतें:सीआरएस के सरकारी डेटा में मध्यप्रदेश में 2020 मई में 34 हजार और 2019 मई में 31 हजार मौतें दर्ज हैं

सीआरएस हर मौत का हिसाब रखता है, चाहे किसी भी कारण से हुई हो, सर्टिफिकेट हो या न हो मप्र में इस साल मई में 1.7 लाख मौतें हुई हैं। पहली बार सरकारी डेटा में दर्ज इन मौतों का हिसाब मिला है। जन्म-मृत्यु का हिसाब रखनेवाले सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) के सरकारी डेटा के मुताबिक यह हर साल मई में होने वाली मौतों की संख्या से 4 गुना ज्यादा है। इस साल जनवरी से मई के बीच पिछले साल की तुलना में 1.9 लाख ‘ज्यादा मौतें’ हुई हैं। राज्य में मई 2019 में 31 हजार और 2020 में 34 हजार जानें गईं थीं। हालांकि देशभर में लॉकडाउन के चलते मौतों की संख्या अप्रैल 2020 में घटी थी, लेकिन उसी साल मई में संख्या बढ़ने लगी। मार्च 2021 में ये तेजी से बढ़ी और अप्रैल तक महीनेभर में दर्ज हो रही मौतों की संख्या दोगुनी हो गई। मई में छह महीने के बराबर मौतें दर्ज हुईं। हालांकि ये जरूरी नहीं कि ये सभी मौतें कोविड से ही हुई ...
आज CM दो अस्थाई अस्पताल शुरू करेंगे:बुदनी में 300 बेड के कोविड सेंटर का शुभारंभ आज; बच्चों के लिए 50 ऑक्सीजन बेड भी बनाएं, 40 दिन में बनकर हुआ तैयार
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आज CM दो अस्थाई अस्पताल शुरू करेंगे:बुदनी में 300 बेड के कोविड सेंटर का शुभारंभ आज; बच्चों के लिए 50 ऑक्सीजन बेड भी बनाएं, 40 दिन में बनकर हुआ तैयार

मुख्यमंत्री शिवराज सिंंह चौहान आज सुबह 11.40 बजे सागर के बीना में 200 ऑक्सीजन बेड के अस्थाई कोविड अस्पताल का शुभारंभ करेंगे। साथ ही BPCL द्वारा लगाए गए ऑक्सीजन बॉटलिंग एंड रिफलिंग प्लांट का शिलान्यास करेंगे। इस दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहेंगे। इसके बाद CM अपने गृह क्षेत्र बुदनी में एकलव्य विद्यालय परिसर में 300 बेड का अस्थाई कोविड अस्पताल के शुभारंभ करने जाएंगे। कोरोना की तीसरी लहर को ध्यान में रखकर बुदनी में 300 बेड का अत्याधुनिक कोविड केयर सेंटर बनाया गया है। खास बात यह है कि इस कोविड केयर सेंटर में बड़े अस्पताल की तरह सुविधाएं होंगी। इसमें अस्पताल जैसी सुविधा मिलेगी। ऑक्सीजनयुक्त 100 बेड लगकर तैयार हैं। सेंटर में बच्चों के लिए 50 बिस्तरों का वार्ड अलग बनाया जाएगा। यहां 6 चिकित्सा अधिकारी और 15 स्टाफ नर्स सहित टेक्निकल स्टाफ भी तैनात...
वैक्सीनेशन गैप पर सवाल:दो डोज के बीच का समय बढ़ाने से संक्रमण का ज्यादा खतरा, अमेरिकी एक्सपर्ट की चेतावनी; देश में कोवीशील्ड का गैप दो बार बढ़ाया जा चुका
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वैक्सीनेशन गैप पर सवाल:दो डोज के बीच का समय बढ़ाने से संक्रमण का ज्यादा खतरा, अमेरिकी एक्सपर्ट की चेतावनी; देश में कोवीशील्ड का गैप दो बार बढ़ाया जा चुका

कोरोना वैक्सीन के डोज के बीच गैप को लेकर अमेरिका के महामारी एक्सपर्ट डॉ. एंथनी फौसी ने चेतावनी दी है। उनका कहना है कि वैक्सीन के दो डोज के बीच समय बढ़ाने से लोगों में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। ब्रिटेन में यह देखा भी गया है। डॉ. फौसी ने NDTV से बातचीत में ऐसा कहा है। भारत के संदर्भ में फौसी का यह बयान इसलिए अहम है, क्योंकि सरकार ने पिछले महीने ही कोवीशील्ड के दो डोज के बीच का गैप बढ़ाकर 12-16 हफ्ते किया है। इससे पहले यह 6 से 8 हफ्ते था। इससे पहले मार्च में भी यह गैप 28 दिन से बढ़ाकर 6-8 हफ्ते किया गया था। सरकार का कहना है कि दो डोज का गैप बढ़ाने से वैक्सीन का असर बढ़ जाएगा। लेकिन फौसी का कहना है कि हमें वैक्सीनेशन में गैप बढ़ाने की बजाय तय शेड्यूल के हिसाब से ही चलना चाहिए। साथ ही कहा है कि अगर आपके पास वैक्सीन की सप्लाई काफी कम है तो फिर गैप बढ़ाना जरूरी भी हो जाता है। फौसी न...