बंगाल हिंसा: बीजेपी के तीन नेताओं को पुलिस ने मालदा स्टेशन पर ही रोका
मालदा. कालियाचक इलाके में भीड़ द्वारा की गई हिंसा मामले की जांच के लिए अमित शाह ने तीन मेंबर्स की ‘फैक्ट-फाइडिंग’कमेटी बनाई थी। यह कमेटी सोमवार सुबह यहां पहुंची। लेकिन उन्हें रेल्वे स्टेशन पर ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया। बीजेपी ने इस कदम का विरोध किया है।
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जानिए आगे आज क्या हुआ…
– जानकारी के मुताबिक, तीनों नेता एसएस आहलुवालिया, भूपेंद्र यादव और बीडी राम कोलकाता लौटने के लिए तैयार हो गए हैं। बता दें कि यहां धारा 144 लगा दी गई है।
– नेताओं को स्टेशन के वीआईपी लाउंज में ही रोक दिया गया। उनके साथ पुलिस के सीनियर अफसर भी हैं।
– हिरासत में लिए गए अहलूवालिया के मुताबिक, हम सच जानना चाहते हैं। बीजेपी ने इस कदम पर कहा, ‘हमें रोकना मतलब सच को छिपाना है।
– होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह भी 18 जनवरी को मालदा जिले का दौरा कर सकते हैं।
– बता दें कि पश्चिम बंगाल में इसी साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं।
मालदा में क्या हुआ था?
– 3 जनवरी को कालीचक में करीब 2.5 लाख लोग सड़कों पर उतरे थे।
– यह रैली मुस्लिम संगठन ईदारा-ए-शरिया ने हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी के बयान के विरोध में बुलाई थी।
– इसी दौरान भीड़ ने कालीचक पुलिस थाने को आग लगा दी थी।
कैसे बढ़ा विवाद?
– यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खान ने 29 नवंबर को आरएसएस के बारे में आपत्तिजनक कमेंट किया था।
– बताया जाता है कि आजम के बयान पर कमलेश तिवारी ने पैगम्बर मोहम्मद के बारे में कमेंट किए।
– तिवारी का कथित बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
– 2 दिसंबर को सहारनपुर के देवबंद में एक बड़ा प्रदर्शन हुआ।
– इसके बाद यूपी, राजस्थान और एमपी समेत कई राज्यों में रैलियां निकाली गईं।
– 2 दिसंबर को कमलेश तिवारी को लखनऊ में अरेस्ट कर लिया गया। वो फिलहाल जेल में है।