गंजबासौदा। बासौदा में अधिकारियों की मिली भगत से सफेदपोश लोग जमीनों का बड़ा खेल खेलने में लगे हैं। नंबरों की हेरा भेरी नक्शों पर चलती ब्लेडें व दस्तावेजों में परिवर्तन जैसी हरकतों से बासौदा में जमीनों का रैकेट चल रहा है। इसमें कुछ ऐसे लोग शामिल हैं जो बासौदा की बागडोर संभालने का सपना देख रहे हैं और कुछ सपना पूरा कर चुके हैं।
चतुर्थ सीमा कहीं और की कब्जा कहीं और, नंबर कहीं और का कब्जा कहीं और बगैर चतुर्थ सीमा के ही दस्तावेज पंजीबद्ध हो रहे हैं। इस पूरे रैकेट में क्रेता, विके्रता, पटवारी दस्तावेज कराने वाले और उपपंजीयक सभी की भूमिका संग्द्धि दिखाई देती है। इसके चलते मूल भूमि स्वामी अपनी भूमि के लिए न्यायालय की ठोकरें खाता फिर रहा है। बड़े-बड़े महल अटारी ऐसी ही भूमियों पर सीना ताने खड़े हैं। उन पर कार्यवाही न होने से यह सिलसिला निरंतर चलता जा रहा है। विचारणीय बात तो यह है कि दस्तावेज पंजीयन होने के पहले चतुर्थ सीमा से लेकर मौका भी देखा जाता है पर इस पूरे रैकेट में इन सब की आवश्यकता नहीं पड़ती शिकायत करने पर भी जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही करने से बचते नजर आते हैं। क्योंकि कहीं न कहीं उन्हें विश्वास में लिया जाता है नहीं तो ऐसा कोई कारण नहीं बनता कि संबंधित अधिकारी पर शिकायत आए और वह सक्षम होने के बाद भी कार्यवाही न करे। इससे इस रैकेट को फलने-फूलने को खूब मौका मिल रहा है।