भोपाल. व्यापमं घोटाले में अपने बेटे शैलेष यादव का नाम आने के बाद राज्यपाल रामनरेश यादव ने पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि मुझे राष्ट्रपति ने यह पद (राज्यपाल) सौंपा है। किसी के दबाव में इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता। बुधवार को दैनिक भास्कर से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि जिस तरह से व्यापमं मामले में मेरे बेटे का नाम उछाला जा रहा है, वह तुच्छ राजनीति है। मुझे बदनाम करने की साजिश की जा रही हैयादव ने दावा किया है कि 50 साल के राजनीतिक जीवन में वे मुख्यमंत्री सहित कई बड़े पदों पर रहे, लेकिन उनके पास खुद का मकान तक नहीं है। चाहे किसी भी एजेंसी से जांच करा लो। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्यपाल का पद संवैधानिक है। इस पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने की सिफारिश करने से पहले किसी भी एजेंसी को राष्ट्रपति की अनुमति लेना आवश्यक है। उन्होंने कहा- मुझे पूरा विश्वास है कि मैं और मेरा परिवार इस (व्यापमं घोटाला) अग्नि परीक्षा में निष्कलंक साबित होंगे। मैंने राज्यपाल के पद पर रहते हुए जो निर्णय लिए हैं, उन्हें मप्र के लोग मेरे जाने के बाद भी याद रखेंगेराज्यपाल ने कहा- आज मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं है। चलने में तकलीफ हो रही है, लेकिन मैं घुटनों में पट्टी बांधकर विधानसभा गया। यदि ऐसा नहीं करता तो लोग इसका गलत अर्थ लगाते।विधानसभा में कांग्रेस का हंगामा, सत्तापक्ष राज्यपाल के साथ
भोपाल. विधानसभा में बजट सत्र के पहले ही दिन बुधवार को व्यापमं मामले में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस की ओर से राज्यपाल रामनरेश यादव पर बनाए गए इस्तीफे के दबाव के बाद सत्तापक्ष राज्यपाल के बचाव में आ गया। मुख्यमंत्रीशिवराज सिंह ने कहा कि जब तक आरोप सिद्ध नहीं होता, इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता।
1 राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होते ही कांग्रेस का वॉकआउट। महेंद्र सिंह कालूखेड़ा ने कहा- व्यापमं घोटाले में राज्यपाल का ओएसडी गिरफ्तार है। बेटे का भी नाम आ गया है। उन्हें तो इस्तीफा दे देना चाहिए।
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल और प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे ने मुख्यमंत्री को क्लीन चिट दे दी। रामलाल ने कहा- केंद्रीय नेतृत्व और संगठन सीएम के साथ है। मंत्री, विधायक और कार्यकर्ताओं में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जब निगेटिव बात बाहर जाती है तो पार्टी को नुकसान पहुंचता है। इसलिए सभी एकजुट होकर बताएं कि कांग्रेस भ्रम फैला रही है।
मुख्यमंत्री ने एसआईटी अध्यक्ष को एक पत्र लिखकर बताया है कि दिग्विजय सिंह ने जो शिकायत की है, वह भ्रामक है। उन्होंने संविदा शाला शिक्षक भर्ती- दो व तीन के संबंध में की गई जांच पर सवाल उठाए हैं। साथ ही अप्रामाणिक एक्सेल शीट प्रस्तुत की है, जिसमें 47 जगह सीएम शब्द दर्ज होने का दावा किया है। इसकी तत्काल जांच होनी चाहिए।
एसटीएफ ने राज्यपाल के बेटे शैलेष यादव का नाम एफआईआर में जोड़ने की तैयारी कर ली है। उनके खिलाफ कुछ अभिभावकों ने पैसे मांगने का बयान भी एसटीएफ को दिया है। इस मामले में आरोपी वीरपाल सिंह ने बिचौलिए विजयपाल के जरिए शैलेष को तीन लाख रुपए देकर 10 लोगों को पास कराने की बात कबूली है।
इस आधार पर एसटीएफ की ओर से शैलेष यादव को एक नोटिस भी जारी किया गया। नोटिस तामील कराने के लिए पहुंची टीम को यह कहकर लौटा दिया गया कि शैलेष राजभवन में नहीं रहते हैं। इसके बाद एसटीएफ की एक टीम को उनके मूल निवास उप्र भेजा गया है। इधर, संविदा शाला शिक्षक भर्ती परीक्षा वर्ग-दो मामले में माखनलाल पत्रकारिता विवि के प्रकाशन विभाग में बतौर सहायक संपादक पदस्थ राकेश पांडे को गिरफ्तार किया है।
राज्यपाल के विधानसभा से राजभवन पहुंचते ही आधे घंटे के भीतर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती भी वहां पहुंची। दोनों के बीच 15 मिनट बातचीत हुई। इसके बाद गृहमंत्री बाबूलाल गौर राजभवन पहुंचे। चर्चा है कि राज्यपाल और गौर के बीच एसआईटी और एसटीएफ की कार्रवाई को लेकर बात हुई। शाम को उमा भारती भाजपा दफ्तर पहुंचीं। यहां उनकी रामलाल, सहस्त्रबुद्धे और प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान से चर्चा हुई