उचितमूल्य की दुकानों में वितरित होने वाले चावल की चार बोरियों में सीमेंट मिला पाया गया। इन चार बोरियों की शिकायत करते हुए मार्केटिंग सोसायटी ने इन्हें बदलवाने के लिए वेयर हाउस भेजा। वेयरहाउस प्रभारी ने यह कहकर बोरियां बदलने से मना कर दिया कि ये बोरियां उनके यहां से गई ही नहीं है। चार बोरियों का विवाद तो सुलझा ही नहीं लेकिन इससे एफसीआई, वेयर हाउस तथा नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों की मिली भगत से शासन को लाखों रुपए का चूना लगाने का मामला उजागर हुआ है।
सीमेंट मिली चावल की चार बोरियां शनिवार को नागरिक आपूर्ति निगम और मध्य प्रदेश राज्य स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोंरेशन के लिए गले की हड्डी साबित हुई। बोरियों को लेकर दोनों संस्थाओं के कर्मचारियों के बीच हुई तकरार ने मिली भगत से चल रही गड़बड़ी के कारोबार को उजागर कर दिया है।
दोनों संस्थाओं के कर्मचारी उन्हीं विभागों को लाखों रुपए का चूना लगा रहे हैं जिनसे उनकी रोटी- रोजी चल रही है। सीमेंट मिले चावल की चार बोरियां मार्केंटिंग सोसायटी का वाहन चालक त्योंदा तहसील की मैनबाड़ा सोसायटी से लाया था जिन्हें वेयर हाउस के कर्मचारी ने गोदाम मेें रखने से मना कर दिया।