नई दिल्ली. शिक्षक दिवस से एक दिन पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने देश भर के स्टूडेंट्स से लाइव बातचीत की। कई सवालों के जवाब दिए। लेकिन सब कुछ तयशुदा स्क्रिप्ट पर हो रहा था। भास्कर को ये जानकारी कार्यक्रम से जुड़े अफसरों और जिन छात्रों ने सवाल किए, उनके स्कूलों से मिली है। स्टूडेंट्स को मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट, उनके पहनावे और आदतों से जुड़े सवाल पूछने की इजाजत थी। (बच्चों के इन तीन सवालों पर राजनीतिक विरोधियों को जवाब देते नजर आए मोदी)
पीएमओ ने खुद संभाली कमान
पीएमओ और मानव संसाधन मंत्रालय (HRD) के पास ये जिम्मा था। सूत्रों के मुताबिक, स्कूल और स्टूडेंट्स का चुनाव मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने किया था। 15 लोगों की टीम ने सवाल तैयार करके उन्हें दिखाए। पीएमओ की हरी झंडी मिलने के बाद सवाल स्कूलों को भेजे गए। इसके बाद स्कूलों से सवाल पूछने वाले स्टूडेंट्स का ब्योरा मांगा गया। स्टूडेंट्स की रुचि के मुताबिक उन्हें सवाल दिए गए। सवाल पूछते समय बॉडी लैंग्वेज की प्रैक्टिस करीब एक माह से कराई जा रही थी। ये निर्देश भी दिए गए थे कि बच्चों के बाल ठीक से कंघी किए हों, आई कार्ड जरूर हों। छात्रों को रोज एक घंटे सिर्फ सवाल पूछने और फिर शांत होकर सुनने की ट्रेनिंग दी जा रही थी, ताकि कोई गड़बड़ न हो।
राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के एक गांव में शुक्रवार को पीएम की क्लास के लिए स्कूल में बैलगाड़ी पर इंतजाम करने पड़े। टीवी और डिश एंटीना की व्यवस्था की गई। बगल के गांवों से भी बच्चे बुलाए गए।