ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने दुनिया का पहला बायोनिक हार्ट विकसित किया है, जो चलेगा बगैर धड़कन के – मेलबर्न। ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने दुनिया का पहला बायोनिक हार्ट विकसित किया है, जो बगैर किसी धड़कन के शरीर के विभिन्न अंगों तक रक्त का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित करता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि अगले तीन वर्षो में इसका इंसानों पर परीक्षण किया जा सकता है। इस बायोनिक हार्ट को ऑस्ट्रेलिया के इंजीनियर डॉ. डेनियल टिम्स ने विकसित किया है। उन्होंने एक जिंदा और स्वस्थ भेड़ में इस कृत्रिम दिल का प्रत्यारोपण करने में कामयाबी हासिल की है।
टिम्स ने बताया कि भेड़ में बायोनिक हार्ट के प्रत्यारोपण के दौरान हमने ख्याल रखा कि परीक्षण के लिए ऎसी भेड़ का चयन किया जाय, जिसका सीना किसी महिला या बच्चे की तरह हो। हम इसमें कामयाब रहे और प्रत्यारोपण सफल रहा।
क्या है नाम
क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में अपनी पढ़ाई के दौरान 2001 में टिम्स ने इलेट्रानिक दिल बनाने की योजना पर काम शुरू किया था। भविष्य में दिल की खराबी से जूझ रहे मरीजों के इलाज में कारगर साबित होने वाले अपने इस उपकरण का नाम टिम्स ने बाइवकॉर रखा है।
ऑस्ट्रेलियाई इंजीनियर टिम्स का दावा है कि पूर्व में विकसित कृत्रिम दिल के मुकाबले बायोनिक हार्ट की मियाद दस वर्ष अधिक होगी। बायोनिक हार्ट में एक ऎसी धारदार डिस्क लगी हुई है जो प्रति मिनट 2000 परिक्रमण कर बगैर किसी धड़कन के खून को विभिन्न अंगों तक प्रवाहित कराती है। यह पूर्व में बने धड़कन आधारित कृत्रिम दिल से अलग है। इसमें पहले उपकरण जैसे गुब्बारे की थैलियां नहीं है